उच्च शिक्षा कल्याण परिषद उत्तराखण्ड़ व छात्र संगठनों के विरोध के बाद श्रीदेेव सुमन विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम को लेकर उपजे विवाद को शासन ने खत्म कर दिया है।शासन द्वारा पूर्व में जारी एक शासनादेश के तहत श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने सिर्फ राजकीय महाविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम को खत्म कर वार्षिक परीक्षा प्रणाली का फैसला लिया था, लेकिन निजी और अशासकीय महाविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम को लागू रहने दिया।जिसके बाद विभिन्न छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय के कुलपति का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया तो वहीं उच्च शिक्षा कल्याण परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने भी इस विवाद को समाप्त करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री से भी वार्ता की, वहीं प्रतिनिधिमंडल ने 26 दिसंबर को विश्वविद्यालय के कुलपति से भी मुलाकात कर सेमेस्टर सिस्टम खत्म करने की मांग करते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा।जिसका संंज्ञान लेकर शासन ने विश्वविद्यालय को निजी और अशासकीय महाविद्यालयों में भी वार्षिक परीक्षा पैटर्न लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया है। श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर सेमेस्टर सिस्टम को खत्म करने के लिए मंगलवार को शासनादेश जारी किया है, शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि विश्वविद्यालय के सभी परिसरों को छोड़कर राजकीय महाविद्यालयों की भांति अशासकीय और निजी महाविद्यालयों में भी वार्षिक प्रणाली लागू की जाए। शासनादेश से साफ हो गया है कि विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में एक समान परीक्षा प्रणाली लागू होगी, जिससे छात्रों के बीच उपजी असमंजस की स्थिति खत्म हो गई।
वहीं इस मामले पर उच्च शिक्षा कल्याण परिषद के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी ने कहा कि पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा सिर्फ राजकीय महाविद्यालयों में वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू करने के निर्णय से छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी।इस स्थिति में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में अलग-अलग प्रथा पैदा होने की स्थिति बन रही थी जो कि छात्र छात्राओं के हित में प्रतीत नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि हम छात्रों की इस समस्या से विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ ही शासन स्तर उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया,जिसके बाद शासन ने छात्रों की समस्या को गंभीरता से लिया और शासनादेश जारी कर विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के लिए वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू करने को कहा।