
गृहमंत्रालय ने एक नया आदेश जारी कर अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों व अन्य लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेल का भी इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
रेल मंत्रालय इसके लिए एक नोडल अधिकारी तैनात करेगी जो राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करेगी। आदेश में लिखा है कि रेल मंत्रालय इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए नए दिशा- निर्देश जारी करेगी जिसमें टिकट बिक्री, सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा के लिहाज से उठाए जाने वाले कदमों की विस्तृत जानकारी होगी।
मंत्रालय के मुताबिक, जहां से यात्रियों को भेजा जाएगा वह राज्य उनकी स्क्रीनिंग कराएगा और जिनमें लक्षण नहीं पाए जाएंगे सिर्फ उन्हीं लोगों को जाने की अनुमति मिलेगी। इन राज्यों को यात्रियों को निर्धारित रेलवे स्टेशन तक सैनिटाइज की हुई बसों में लाना होगा और उस दौरान सोशल डिस्टेंसिग व एहतियाती कदमों व दिशा- निर्देशों का पालन कराया जाएगा।
वहीं उत्तराखण्ड से बाहर फंसे राज्य के लोगों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से विभिन्न मार्गो पर 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है। इनमें दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से हल्द्वानी, चंडीगढ़ से देहरादून, लखनऊ से देहरादून, लखनऊ से हल्द्वानी, जयपुर से देहरादून, जयपुर से हल्द्वानी, मुम्बई से देहरादून, मुम्बई से हल्द्वानी, भोपाल से देहरादून, बैंगलोर से देहरादून और अहमदाबाद से देहरादून के लिए अनुरोध किया गया है।
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राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाये जाने के संबंध में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से बात कर यह अनुरोध किया है।