Home अपना उत्तराखंड शिक्षक ने निकाला पढ़ाने का नायाब तरीका, सीधे डायलॉग करते हैं नौनिहाल

शिक्षक ने निकाला पढ़ाने का नायाब तरीका, सीधे डायलॉग करते हैं नौनिहाल

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उत्तरकाशी: एक तरफ उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में श्यामपट्ट (ब्लैक बोर्ड) ही शिक्षा ग्रहण करने का एकमात्र जरिया है, वहीं डुंडा ब्लॉक (उत्तरकाशी) के राजकीय इंटर कॉलेज कंवा एटहाली में शिक्षक राजेश जोशी लैपटॉप और थिएटर इन एजेकुशन के जरिये नौनिहालों को आधुनिक ज्ञान बांट रहे हैं। इससे छात्र-छात्राओं में शिक्षा के प्रति दिलचस्पी भी बढ़ी है।

जोशियाड़ा निवासी राजेश जोशी एक वर्ष से राइंका कंवा एटहाली में तैनात हैं। इससे पूर्व वह प्राथमिक विद्यालय उडरी में सेवारत थे। छात्र-छात्राओं को विज्ञान विषय को समझने में सहूलियत मिले, इसी बात को ध्यान में रख जोशी ने पठन-पाठन का यह नायाब तरीका निकाला।

दरअसल, जोशी उत्तरकाशी में नाट्य संस्था ‘संवेदना समूह’ से भी जुड़े हुए हैं। नाटकों में अभिनय करते-करते ही उनके मन में यह विचार आया। बकौल जोशी नाटकों में कलाकार अपने डायलॉग एवं पात्र को आसानी से याद रख लेते हैं। ऐसे में उनके मन में भी विचार आया कि क्यों न स्कूलों में छात्र-छात्राओं को भी थिएटर के माध्यम से ज्ञान बांटा जाए।

इसमें सफलता भी मिली और आज बच्चों ने ऊतक (टिश्यू), कण, परमाणु, विद्युत आदि विषयों पर मजबूत पकड़ बना ली है। जोशी बताते हैं कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई के इस तरीके में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। क्योंकि, इससे उन्हें विषय का मूल आसानी से समझ में आ जाता है। बच्चे अब रटने की बजाय आपस में संवाद करते हैं।

वह कहते हैं कि जल्द ही वह प्रोजेक्टर के माध्यम से भी छात्र-छात्राओं को शिक्षा देंगे। प्रोजेक्टर खरीदने के लिए उन्होंने कुछ संस्थाओं से संपर्क साधा है। जो मदद करने के लिए तैयार भी हैं।

दसवीं की छात्रा आरती व काजल और छात्र मोहित बताते हैं कि विषयों को समझने के लिए उन्हें रट्टा नहीं लगाना पड़ता। थिएटर इन एजुकेशन के माध्यम से विषय का सार आसानी से समझ में आ जाता है। 12वीं के छात्र स्वराज नैथानी बताते हैं कि विज्ञान अन्य विषयों की अपेक्षा काफी कठिन होता है। अब जोशी सर के फार्मूले ने उसे आसान बना दिया है। अब तो विज्ञान सभी छात्र-छात्राओं का प्रिय विषय बन गया है।