
लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस माफ करने की मांग अभिभावकों द्वारा की गई, इस बीच सरकार ने भी प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य शुल्क न लेने के निर्देश दिए। लेकिन कई स्कूलों ने सरकार के निर्देशों को दरकिनार करते हुए फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया। वहीं प्राइवेट स्कूलों में 3 माह की फीस माफ करने का मामला उत्तराखण्ड़ हाईकोर्ट में भी पहुंचा, हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव को मामले का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। इस सबके बीच आज प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का बयान सामने आया है, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा है कि यदि किसी अभिभावक को प्राइवेट स्कूल में फीस देने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो वह सरकारी स्कूल में अपने बच्चोंं का एडमिशन करा सकते हैं। उन्होंने अभिभावकों से उत्तराखण्ड के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा देने का वादा किया।शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आज बेहतर पढ़ाई करवाई जा रही है, और यदि कहीं कोई कमी है तो वह उसे दूर करने का प्रयास करेंगे।
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