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शराब कांड में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, सहारनपुर से शराब लाने वाले बाप-बेटा गिरफ्तार

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उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 100 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले शराब कांड को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक जहरीली शराब सहारनपुर से लाकर झबरेड़ा क्षेत्र में ग्रामीणों को बेची गई थी। पुलिस ने सहारनपुर से शराब खरीदकर यहां बेचने के आरोप में बाप-बेटे को गिरफ्तार किया है जबकि शराब बनाने वाले मुख्य आरोपी बाप-बेटे समेत तीन अब भी फरार हैं।

पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने शराब के खाली पाउच, कोल्ड ड्रिंक्स की खाली बोतलें बरामद की हैं। उधर, हरिद्वार जिले में रविवार को जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 34 पहुंच गया। अभी तक सिविल अस्पताल रुड़की से करीब 90 लोगों को रेफर किया जा चुका है।

रविवार को सिविल लाइंस कोतवाली रुड़की में हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी और सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने जहरीली शराब बनाने व बेचने वालों का खुलासा किया।

भलस्वागाज तिराहे के पास गिरफ्तार

एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने बताया कि एसपी देहात नवनीत सिंह, सीओ मंगलौर डीएस रावत और सीओ देवबंद के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस टीम का गठन किया गया था। पुलिस टीम ने मुखबिर से सूचना जुटाई तो पिता-पुत्र सोनू पुत्र फकीरा और फकीरा पुत्र लच्छीराम निवासी ग्राम बाल्लुपुर, थाना झबरेड़ा के कच्ची शराब में संलिप्त होने की जानकारी मिली।

रविवार को दोनों को भलस्वागाज तिराहे के पास गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ने पूछताछ में बताया कि पांच फरवरी को शाम पांच बजे पिता-पुत्र सरदार हरदेव सिंह पुत्र सुखविंदर और सुखविंदर पुत्र आशा सिंह निवासी ग्राम पुंडेन, थाना गागलहेड़ी, सहारनपुर से 35 बोतल कच्ची शराब की खरीदी थी।

इसके बाद सोनू शराब लेकर घर पहुंचा। इसी बीच उसने शराब का रंग सफेद देख हरदेव को फोन कर पूछा कि इसका रंग ऐसा क्यों है? साथ ही यह भी बताया कि इसमें से डीजल की दुर्गंध आ रही है। इस पर हरदेव ने बताया कि उसने शराब में कुछ रंग मिलाया था और डीजल के बर्तन में शराब बनाई थी। इसी वजह से डीजल की दुर्गंध आ रही है और रंग सफेद हो गया है।

पाउच 25 रुपये में ग्रामीणों को बेचता था

एसएसपी ने बताया कि इसके बाद सोनू ने 20 बोतल शराब गजराज पुत्र रूपचंद निवासी ग्राम बाल्लुपुर, थाना झबरेड़ा को बेच दी। दो बोतल के आठ पाउच बनाकर चार ग्रामीणों को बेच दिए और चार ग्राम खड़क निवासी धीर सिंह उर्फ धीरा पुत्र चरण सिंह को बेच दिए थे।

धीर सिंह ने शराब खरीदने के बाद एक पाउच सोनू के घर पर ही पी ली, लेकिन दुर्गंध आने पर उसने तीन पाउच उसी समय सोनू को वापस कर दिए थे। इसके बाद सोनू ने छह लीटर शराब भलस्वगाज के चंद्रभान उर्फ चंदर पुत्र मोहर सिंह को बेच दिए और चार पाउच घर पर ही एक व्यक्ति को दे दिए थे।

छह फरवरी को सोनू दोबारा सहारनपुर हरदेव सिंह के घर पहुंचा और 20 बोतल शराब फिर ले आया। यह शराब उसने बिंडुखड़क के बिट्टू पुत्र धर्म सिंह को बेच दी। सात फरवरी को सोनू फिर हरदेव के घर गया और चार लीटर शराब लेकर आया। एसएसपी ने बताया कि सोनू 70 रुपये में एक बोतल (एक लीटर शराब) खरीदकर 90 रुपये में और एक पाउच 25 रुपये में ग्रामीणों को बेचता था।

शराब से लोगों को मरता देख हो गया फरार

एसएसपी ने बताया कि सोनू को जब यह पता चला कि उससे शराब खरीदकर पीने और बेचने करने वाले धीरा उर्फ धीर सिंह, बिट्टू, चंद्रभान समेत अन्य लोगों की मौत हो गई तो वह फरार हो गया। इसके बाद उसने हरदेव को यह जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने हरदेव सिंह के घर दबिश दी तो वह पहले ही फरार हो गया। उसके घर और खेत पर कच्ची शराब की भट्ठी मिली थी। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में सोनू ने यह भी बताया कि धारा पुत्र बुद्धू निवासी ग्राम बिंडुखड़क ने भी जहरीली शराब बेची थी।

एसएसपी ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। वहीं, हरिद्वार जिले में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा रविवार को 36 पहुंच गया है। रविवार को दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने इसकी पुष्टि की है।