पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी शहीद पति को देख गर्व से भर गईं। अंतिम संस्कार के दौरान पहले उन्होंने अपने शहीद पति का माथा चूमा, बोला आई लव यू…जय हिंद मेरे हीरो।
उन्होंने आगे कहा कि सबको पता है कि मैं आपको बहुत प्यार करती हूं। हमेशा आपकी फिक्र रहती थी। आप मुझे मेरी जान से भी प्यारे हो। आप मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश से प्यार करते थे। सबसे प्यार करते थे। आपने देश के लिए अपनी जिंदगी दे दी। उन्होंने कहा कि मैं सभी से निवेदन करती हूं कि वे सहानुभूति न रखें, बल्कि बहुत मजबूत बनें, क्योंकि यह वीर हमारे यहां खड़े किसी भी व्यक्ति की तुलना में बहुत बड़ा है।
देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति दे दी। आप सच में हीरो हो। मेरे लिए बेहद गर्व की बात है कि मैं आपकी पत्नी हूं। मेरा पति वीर है। मेरा ही नहीं बल्कि पूरे देश का हीरो है। आज जा रहे हो लेकिन याद रखना आप मुझसे कभी दूर नहीं हो सकते। हमेशा मेरे साथ रहोगे।
एक अमर प्रेम की तरह। जब तक मेरी सांस चलेगी, तब तक मैं सिर्फ आपको ही प्यार करूंगी। मैं सबसे प्रार्थना करती हूं कि वह इस वीर की शहादत पर सुहानूभुति न जताएं। इस नौजवान की कुर्बानी, जिम्मेदारी, देश के प्रति अहसास को समझें। यूआर माई हीरो, आई लव यू। जय हिंद।
निकिता का यह वीर रूप देखकर आसपास खड़े लोगों की आंखों में आंसू आ गए। मंगलवार को घर से अंतिम यात्रा शुरू हुई तो हजारों की संख्या में लोग भारत माता की जय के नारे लगाते हुए मीलों तक साथ चले। हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
हर किसी के दिल में दून के बेटे को खोने का दर्द था। आंखों में आंसू थे। मंगलवार को बारिश के बावजूद घर के बाहर हुजूम जुट गया। लोग सड़क के अलावा आसपास की छतों पर चढ़ गए। भारत माता की जय, शहीद मेजर अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद जैसे नारों के बीच करीब 9:50 बजे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पहुंचे।
उन्होंने शहीद को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। हर किसी के दिल में बेटे के खोने का दर्द था। सबकी आंखें नम थीं। अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले शहीद की पत्नी अंतिम दर्शन करने आई। पहले तो टकटकी लगाकर खड़ी रही। देखती रही। शायद मन में सवाल था कि मेरा मेजर कब उठेगा? फिर एकाएक मेजर के चेहरे के पास अपना मुंह किया और जोर से आई लव यू बोला।
शहीद मेजर के गाल पर हाथ लगाया और चूम लिया। निकिता आंखों से आंसू गायब थे। चेहरे पर पति के शहीद होने का गर्व झलक रहा था। पति को सैल्यूट किया। बेटी के पिता फफकने लगे तो उन्हें रोका, पापा, जाने दो उन्हें, वह देश के हीरो हैं। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। निकिता का यह वीर रूप देखकर सबकी आंखें नम हो गई।
शहीद की शहादत ने लोगों को भीतर तक झकझोर दिया। घर से अंतिम यात्रा निकली तो सड़क के दोनों ओर करीब एक किलोमीटर तक लोग हाथों में पुष्प लिए खड़े थे। जहां से शहीद का पार्थिव शरीर गुजरा, लोगों ने पुष्प अर्पित किए। जहां-जहां से कारवां गुजरा, वहीं लोगों ने भारत माता की जय, वीर शहीद अमर रहे के नारे लगाए।