देहरादूनउत्तराखंडखास ख़बर

सेवा का अधिकार अधिनियम का पालन न करना अधिकारियों को पड़ा महंगा।

ख़बर को सुनें

सरकार ने सुशासन के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम बनाया, जिसके तहत प्रत्येक कार्य के लिए समय और दिन निर्धारित हैं। लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों ने इसका पालन करना भी जरूरी नहीं समझा और मनमानी कर प्रमाण पत्र जारी करने में देरी करते रहे।लेकिन शासन ने अब ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए आर्थिक जुर्माना लगाया है।

नैनीताल जिले में सेवा का अधिकार अधिनियम के उल्लंघन का मामला सामने आया तो अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के आवेदनों की जांच की गई, मामलों की सुनवाई आयोग में भी हुई। आयोग ने नैनीताल जिलाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा।

जिसके बाद जिलाधिकारी ने ई-पोर्टल पर मामलों की जांच की, और पाया कि 76 मामले लंबित हैं। इनमें से 5 मामले चरित्र प्रमाणपत्र के थे, जो तकनीकी कारणों से फंसे थे जबकि बाकी 71 मामलों को जानबूझकर अटकाया गया था। जिसके बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने जांच रिपोर्ट व दोषी कर्मचारियों पर जुर्माने की संस्तुति शासन को भेजी। शासन ने मामले पर कार्रवाई करते हुए 11 कर्मचारियों पर 4 हजार से लेकर 10 हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया गया है। इनमें राजस्व उपनिरीक्षकों के साथ ही रामनगर के प्रभारी निरीक्षक भी शामिल हैं।

Related Articles

Back to top button