उत्तराखण्ड में लगभग सात माह सोमवार को 10वीं व 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की शुरुआत पर 14 मार्च से राज्य के सभी शैक्षिक संस्थान बंद किए गए थे। प्रदेश में आज सरकारी स्कूल खुले हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूलों ने अभी भी सरकार से तैयारियों के लिए समय मांगा है।
सात माह के लंबे इंतजार के बाद आज जब स्कूल खुले तो बच्चों के साथ ही शिक्षकों में भी उत्साह दिखाई दिया। रामनगर के श्री गोमती पूरन प्रसाद आर्य कन्या इण्टर कॉलेज में भी आज 50 प्रतिशत बच्चों को स्कूल बुलाया गया। स्कूल गेट पर थर्मल स्कैनिंग व हैंड सैनिटाइज के बाद ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया गया।
स्कूल की प्रिंसिपल नीलम नन्द्रजोग ने बताया कि सरकार द्वारा जारी एसओपी के नियमों का पालन करते हुए आज से 10 वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिया गया है। आज 50 प्रतिशत बच्चों को बुलाया गया है। बच्चे अभिभावकों की अनुमति पत्र साथ लेकर आ रहे हैं। और हमने अपने स्टाफ का भी कोविड टेस्ट कराया है, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है उन्हें ही स्कूल बुलाया गया है।
स्कूल गेट के बाहर ही थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई है, क्लास रूम, वॉशरूम को पहले ही सैनिटाइज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि स्कूल आने वाले बच्चे व शिक्षक खुश हैं, बच्चों की जो भी समस्याएं हैं उनका शिक्षकों के सामने ही समाधान हो सकेगा। और जो बच्चे किसी भी कारणवश स्कूल नहीं आ पा रहे हैं, उनकी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।
कोरोना काल के कारण स्कूलों के पैटर्न में भी बदलाव आया है, स्कूलों के लिए कई मानक लागू किए गए हैं। एसओपी में तय किया गया है कि अधिक आयु वाले कर्मचारी, गर्भवती महिला और संवेदनशील स्वास्थ्य वाले कर्मी अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखेंगे। उन्हें छात्रों से सीधा संपर्क में आने वाला कोई फ्रंटलाइन कार्य नहीं दिया जाएगा। सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार की शिकायत मिलने संबंधित कर्मी और छात्रों को स्कूल से लौटा दिया जाएगा।
स्कूली जीवन में ये बदलाव भी आया-
मास्क के बिना किसी को भी स्कूल में एंट्री नहीं होगी।
अभिभावकों की लिखित मंजूरी के बाद ही छात्र स्कूल आएंगे।
प्रार्थना सभा सभी खेल, सांस्कृतिक, मनोरंजन की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगे।
छात्रों के साथ ही सभी शिक्षक-कार्मिकों के लिए भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
थर्मल जांच औऱ हाथों को सैनिटाइज करने के बाद ही स्कूल में एंट्री मिलेगी।
हर पाली के बाद प्रत्येक कक्षा का सैनिटाइजेशन किया जाएगा।
कक्षा में दो छात्रों के बैठने के में 6 फीट की अनिवार्य दूरी रहेगी।
स्कूल बस-वैन का प्रतिदिन सेनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग से संचालन किया जाएगा।