अक्सर हमने किस्से कहानियों में ही ऐसी बातें पढ़ी हैं कि एक राजा था, जो भेष बदलकर जनता के बीच जाता था। वो राजा की कहानी थी और ये कहानी ये जिलाधिकारी की है। कहानी है डीएम मंगेश घिल्डियाल की। इस बार जनता ने डीएम साहब का अंडरकवर अवतार देखा। भेष बदलकर डीएम साहब जनता के बीच पहुंचे और केदार धाम यात्रा का हाल जानना चाहा। दरअसल चारधाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड से काफी शिकायतें आ रही हैं। यात्रियों का रैला लगा है और व्यवस्थाओं की धज्जियां उड रही हैं। ऐसे में डीएम मंगेश घिल्डियाल के पास भी काफी वक्त से शिकायतें आ रही थीं। जरूरत थी कि इन व्यवस्थाओं और परेशानियों का जायजा लेने के लिए लोगों के बीच ही उतरा जाए। इसलिए डीएम मंगेश ने ये तरीका चुना सबसे पहले डीएम मंगेश ने केदारनाथ यात्रा के दौरान पड़ने वाले सोनप्रयाग पार्किंग का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने देखा कि होमगार्ड के जवान गलत तरीके से वाहनों की पार्किंग करवा रहे थे। उन्होंने तत्काल प्रभाव से होमगार्ड को हटाने के निर्देश दिए।
इसके बाद डीएम मंगेश ने सीतापुर, गौरीकुंड, सोनप्रयाग और घोड़ा पड़ाव पर साफ-सफाई और पार्किंग की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। शौचालयों में निरीक्षण किया तो पानी की आपूर्ति नहीं मिली…साथ ही गंदगी पसरी थी। जिलाधिकारी ने प्रबन्धक सुलभ को गौरीकुंड में तैनात सफाई सुपरवाइजर को हटाने के आदेश दिए। इतना ही नहीं उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल के खिलाफ 5 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
निरीक्षण के दौरान सेक्टर अधिकारी, सहायक अभियंता सिंचाई खंड, सब सेक्टर अधिकारी और राजस्व उप निरीक्षक घोड़ा पड़ाव नदारद मिले। इस वजह से केदारनाथ में कनिष्ठ सहायक सेक्टर अधिकारी को तैनाती के निर्देश दिए गए और सेक्टर अधिकारी और सब सेक्टर को अधिकारी गौरीकुंड को जिम्मेदारी से अवमुक्त किया गया।
इसके बाद डीएम ने शटल सर्विस की चेकिंग की, तो वहां भी सिर्फ एक होमगार्ड तैनात मिला। चौकी प्रभारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।