श्रावण मास का दूसरा सोमवार आज है जो एक खास संयोग में पड़ा है। आज सोमवार मृगशिरा नक्षत्र में पड़ा है। देहरादून, धर्मनगरी हरिद्वार सहित राज्य के कई पौराणिक मंदिरों में आज अलसुबह से शिव जलाभिषेक प्रांरभ हो गया।
सायंकाल 5:08 बजे प्रदोष प्रारंभ होते ही कांवड़िए भी देश के शिवालयों में कांवड़ों का जल चढ़ाएंगे। देहरादून, हरिद्वार और कनखल के शिव मंदिरों को सोमवार के लिए भव्य रूप से सजाया गया है। कांवड़ियों की ओर से जलाभिषेक मंगलवार को पूरे दिन भी जारी रहेगा।
भगवान शंकर को महामृत्युंजय मंत्र प्रिय
भगवान शंकर को महामृत्युंजय मंत्र प्रिय है। इस मंत्र का जाप करते हुए जलाभिषेक करने से जन्म-जन्मातर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। सोमवार का दिन भगवान शंकर और उनके मस्तक पर विराजमान चंद्रमा का दिन है।
इस दिन चंद्रमा सायं 6.54 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। यह समय जलाभिषेक के लिए सर्वाधिक उपयुक्त रहेगा। चूंकि तब तक शिव का प्रिय प्रदोष भी लग चुका होगा। सोमवार का व्रत रखने वाले चार पहर भगवान शंकर की पूजा पर चार समय की आरती उतारेंगे। अद्धरात्रि में विशेष अधिषेक किया जाएगा।
दोपहर बाद 2.49 बजे तक त्रयोदशी
हरकी पैड़ी जल ले जाने वाले कांवड़िए त्रयोदशी लगते ही मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे। यह जलाभिषेक मंगलवार को भी पूरे दिन चलेगा। चूंकि उस दिन दोपहर बाद 2.49 बजे तक त्रयोदशी उपलब्ध रहेगी। भगवान शंकर इस समय कनखल के दक्ष में दक्षेश्वर बनकर विराजमान हैं।
दक्षेश्वर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। इस मंदिर में आठ पहर आरती उतारी जाएगी। सती का जन्म समीप के जिस शीतला माता मंदिर स्थल पर हुआ था, उस स्थल पर भी शिव भक्त पूजन करेंगे। हरिद्वार के पौराणिक बिल्वकेश्वर, नीलेश्वर और गौरी शंकर मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है।
महाशिवरात्रि के स्वागत में सजे शिवालय
महाशिवरात्रि पर्व के स्वागत में शिवालय भी सज गए हैं। मंदिरों की फूलों से विशेष सजावट की गई है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार महाशिवरात्रि पर बेलपत्र, गंगाजल, भांग, धतूरा, दूध, दही, गन्ने का रस चढ़ाने से महादेव खुश होते हैं। इस बार मंगलवार को महाशिवरात्रि के दिन दोपहर तीन बजे से कांवड़ जलाभिषेक प्रारंभ होगा। बुधवार को भी दोपहर 12 बजे तक महादेव की उपासना होगी।
श्री सरस्वती देवी मंदिर के पुजारी आचार्य राकेश कुमार शुक्ल के मुताबिक एक दिन पहले श्रावण मास सोमवार का व्रत रहेगा। 30 जुलाई को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। वह बताते हैं कि मंगलवार को शिवरात्रि होने से महिलाओं के लिए अधिक खास रहेगी। क्योंकि श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार के साथ मंगलवार भी अत्यधिक उपयोगी है। मंगलवार को मंगलागौर का व्रत किया जाता है। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं को पति की दीर्घायु प्रदान करने वाला होता है।