Home अपना उत्तराखंड सरकारी स्कूल के बच्चों पर इन निजी स्कूलों का डाका !

सरकारी स्कूल के बच्चों पर इन निजी स्कूलों का डाका !

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रुड़की: राज्य के सरकारी स्कूलों तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाकर अपने यहां छात्र संख्या बढ़ाने पर लगे हुए हैं। छात्रों की संख्या बढे इसके लिये शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार भी किया गया है। अब सरकारी और निजी स्कूलों में एक सी एनसीआरटी की किताबों से पढ़ाई हो रही है। शिक्षा विभाग, शिक्षकों की मेहनत और अभिभावकों की जागरूकता के बाद स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने लगी है। लेकिन यह बढ़ी हुई छात्र संख्या कुछ निजी स्कूलों को रास नहीं आ रही है। कुछ निजी स्कूल सरकारी स्कूल में पढ़ रहे इन बच्चों को टीसी कटाकर अपने स्कूल में दाखिला दिलाने के लिये तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पकड़ में आया रूड़की में। जिसने इस पूरे मामले का खुलासा किया।

रुड़की के एक निजी स्कूल की शिक्षिका बच्ची की अभिभावक बनकर टीसी कटाने पहुंच गई। इसकी वजह जानकर आप हैरान रह गए। निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए क्या-क्या हथकंडे अपनाए जा सकते हैं, इसका एक उदाहरण सोमवार को राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिरान कलियर में देखने को मिला। हालांकि, संदेह होने के कारण टीसी नहीं काटी गई। बाद में पता चला कि वह सरकारी विद्यालय से नाम कटाकर अपने निजी स्कूल में बच्ची को दाखिला दिलाना चाह रही थी। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिरान कलियर में कुछ दिनों पहले अभिभावकों ने एक बच्ची का कक्षा नौ में कराया था।

इस तरह हुआ मामले का खुलासा
इसके बाद से बच्ची स्कूल आ रही थी, लेकिन सोमवार को अचानक वह एक महिला के साथ स्कूल पहुंची। महिला ने खुद को बच्ची की चाची बताते हुए उसकी टीसी कटाने को कहा, लेकिन स्कूल की शिक्षिका शालिनी को महिला पर कुछ शक हुआ। क्योंकि, महिला हिंदू समुदाय से थी जबकि बच्ची मुस्लिम है। काफी गहमागहमी के बाद विद्यालय में मौजूद में शिक्षकों ने टीसी कटाने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद महिला वापस लौट गई। शिक्षिका शालिनी ने बताया कि उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को मामले की सूचना देने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो पाई है। जल्द ही प्रकरण की लिखित शिकायत की जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) गोविंदराम जयसवाल ने बताया कि टीसी के लिए सिर्फ अभिभावक आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद तीन दिन में टीसी दी जाती है। यदि इस तरह की शिकायत मिलती है तो जांच कराकर महिला के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा ।

शिक्षिका शालिनी के अनुसार, महिला के लौटने के बाद स्कूल के बच्चों ने बताया कि वह एक निजी स्कूल में शिक्षिका है और अभिभावकों को अपने स्कूल में दाखिला लेने के लिए दबाव बनाती रहती है। इस बच्ची को भी अपने स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए टीसी कटाने पर जोर दे रही थी। वहीं, कुछ बच्चों का कहना था कि महिला उनके घर आकर भी अपने स्कूल में दाखिला लेने के बात कह चुकी है।

इस पूरे प्रकरण के बाद तरह-तरह के लालच देकर सरकारी स्कूल के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले के लिये मजबूर करने वाले पूरे गैंग के सक्रिय होने की संभावनायें नजर आ रही हैं। ऐसे में माता-पिता को सर्तक होने के साथ जागरूक होने की आवश्यकता भी है कि अब सरकारी स्कूलों की पढ़ाई का स्तर भी बदल गया है।