हल्द्वानी के सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने हल्द्वानी उप कारागार से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी की हल्द्वानी जेल में कितने कैदियों की रखने की क्षमता है। जबकि वर्तमान में कितने कैदी रह रहे हैं। जिसके बाद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
जेल प्रशासन ने बताया कि उनके जेल में 305 कैदियों को रखने की क्षमता है। जबकि वर्तमान में 1046 कैदी रह रहे हैं। इसके साथ ही सामने आया कि इस उप कारागार में कैदियों के रख रखाव में पिछले 5 सालों में साढ़े सात करोड़ से अधीक का खर्च आया है। आरटीआई में सामने आया कि 5 सालों में कैदियों के भोजन के ऊपर 6,49,92,914 रुपये खर्च हुए हैं। जबकि औषधि के रूप में 20,98,929 खर्च किए गए हैं।
सीनियर सुपरिटेंडेंट जेल मनोज कुमार आर्य का कहना है कि हल्द्वानी उप कारागार जेल में उधमसिंहनगर और नैनीताल जिले के विचाराधीन कैदी रखे गए हैं। उन्होंने माना कि कैदी क्षमता से अधिक रखे गए हैं। जिसकी जानकारी शासन और उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि जेल में सीसीटीवी कैमरे लगवाने और आधुनिक हथियारों की भी शासन से मांग की जा चुकी है। शासन से बजट आने पर सीसीटीवी कैमरा लगा दिया जाएगा।
सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया का कहना है कि अगर समय रहते मामलों को निपटा दिया जाता तो सरकार के ऊपर इस तरह का बोझ नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि कई विचाराधीन कैदी सालों से जेल में मुफ्त खा रहे हैं।