रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड ने कोरोना काल में सरकार से उत्तराखंड परिवहन निगम हेतु 100 करोड़ रूपए अनुदान की मांग की है, साथ ही सरकर से समय रहते परिवहन निगम कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने की मांग की है। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के नाम ज्ञापन भेजा है। जिसमें कहा गया है कि यदि समय रहते परिवहन निगम कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो 10/11 जून 2021 को प्रदेश के समस्त शाखाओं/ डिपो दिनांक 14 जून 2021 को देहरादून, नैनीताल एवं टनकपुर मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालयों दिनांक 17 जून 2021 को देहरादून के गांधी पार्क में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए अपना एक दिवसीय धरना आयोजित करेगा उसके बाद भी यदि समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो 19 जून 2021 को पूरे परिवहन निगम के कार्मिक कार्यबहिष्कार करेंगे।
उत्तराखण्ड परिवहन निगम के प्रदेश महामंत्री दिनेश चन्द्र पंत ने बताया कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत शासन द्वारा जारी की गई एसओपी के अनुरूप परिवहन निगम की बसें 50% कैपिसटी के साथ पूर्व निर्धारित किराये पर ही बसों का संचालन कर रहा है, सीमित संचालन एवं किराये में वृद्धि न किए जाने के कारण परिवहन निगम बसों के डीजल एवं अन्य खपत खर्चों को ही पूरा नहीं कर पा रहा है।
समस्त कार्मिक कोरोना काल में अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं, अन्य आवश्यक सेवाओं की भांति समय-समय पर शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ही कार्य कर रहे हैं। परिवहन निगम के कार्मिकों का जनवरी 2021 से मई 2021 पांच माह का वेतन भी लंबित है तथा वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना के दृष्टिगत लंबे समय तक निगम वाहनों का संचालन भी सुचारू रूप से पटरी पर आने की संभावना कम है। ऐसी स्थिति में भी जब निगम अपनी सीटिंग क्षमता 50% कैपिसिटी पर आमजन को उनके सुविधानुसार कम किराये पर सरकार/शासन के निर्देोेशों के क्रम में परवहन की समुचित व्यवस्था प्रदान कर रहा है, तो सरकार/शासन का भी दायित्व बनता है कि वह परिवहन निगम के कार्मिकों को अपने स्तर से उनके लंबित वेतन का भुगतान करें।
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड ने कहा है कि परिवहन निगम में कार्यरत 30 से अधिक कोरोना वारियर्स तथा 20 से अधिक उनके परिजन अभी तक अपने प्राण गंवा चुके हैं, तथा सैंकड़ों कार्मिक संक्रमित होने के पश्चात आर्थिक अभाव में अपना इलाज भी करा रहे हैं। कर्मचारी संयुक्त परिषद ने हिमाचल प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा है कि हमारे पडोसी पर्वतीय राज्य परिवहन निगम को प्रतिवर्ष लगभग 400 करोड़ का अनुदान प्रदान कर रहा है, जिससे हिमाचल प्रदेश परिवहन अपनी बसों के क्रय के साथ – साथ ही कार्मिकों के वेतन भत्तों का समय से भुगतान कराता है। उत्तराखंड प्रदेश की भौगोलिक स्थिति भी हिमाचल प्रदेश जैसी ही है, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को भी जनहित/प्रदेश हित में परिवहन निगम को आर्थिक अनुदान प्रदान किया जाना चाहिए।