उत्तराखंड में परिवहन को सुचारू करने के लिए कोरोना काल तक राज्य कैबिनेट ने बसों का किराया दोगुना करने का प्रस्ताव पास किया, जिसके बाद 50% क्षमता के साथ सार्वजनिक परिवहन के चलने की उम्मीद जगी। सरकार के इस फैसले के बाद महानगर सिटी बस एसोसिएशन ने बस चलाने का ऐलान किया कुछ रूटों पर बसों का संचालन भी किया गया। हालांकि अपेक्षित सवारी नहीं मिलने से अब भी सभी रूटों पर बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। वहीं पर्वतीय रूटों पर चलने वाली जीएमयू व केएमयू की बसों का संचालन अभी भी नहीं हो पाया है। सरकार द्वारा किराया बढ़ाए जाने का विपक्ष ने विरोध भी किया है।
वहीं अब उत्तराखंड रोडवेज की बसों के संचालन की तैयारी की जा रही है। 23 जून को निगम की बोर्ड बैठक में संचालन का प्रस्ताव रखा जाएगा। परिवहन निगम की पहले चरण में राज्य के भीतर बसें चलाने की योजना है। इसके लिए निगम द्वारा रूटों का चयन किया जा रहा है। रोडवेज के ऐसे रूटों पर बस चलाने की योजना है जहां यात्री मिल सकें, माना जा रहा है कि पहले चरण में देहरादून से हरिद्वार, ऋषिकेश और मसूरी के लिए बसें चलाई जाएंगी। कुमाऊं में भी उन रूटों पर पहले बसें चलाई जाएंगी जहां यात्रियों का दबाव अधिक हो। अब देखना होगा आखिर कब से रोडवेज की बसें सड़क पर उतरेंगी और बढे हुए किराये के साथ क्या आसानी से यात्री मिल पाएंगे ?