रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने संयुक्त रूप से मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में आयोजित 7 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का द्वीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। योग महोत्सव में विश्व के 11 देशो एवं देश के 9 राज्यों के योगाचार्यो, शिक्षकों एवं योग प्रेमियों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि योग को विश्वव्यापी पहचान दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम भूमिका रही है। उत्तराखण्ड को योग के हब एवं ऋषिकेश को विश्व योग के केन्द्र बिन्दु के रुप में स्थापित करने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर कार्य किया है। योग को पर्यटन से जोड़ने और योग के साथ-साथ पर्यटन हब के रुप में उत्तराखण्ड को विकसित करने के लिए सरकार व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है।
उन्होने कहा कि अध्यात्मिक योग के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने का कार्य सरकार कर रही है। योग विश्व स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए जरुरी है जिसकी आवश्यकता आज पूरी दुनिया को महसूस होने लगी है जिसका परिणाम है कि आज विश्व में जहां भी योग की शुरुआत हो रही है वहां उत्तराखण्ड के योग शिक्षकों को सर्वोच्च प्राथमिकता व सम्मान स्वरुप बुलाया जा रहा है।
इस अवसर पर उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में ऋषि की परम्परा एव साधना के परिणामस्वरुप योग का उत्थान जीवों के कल्याण के लिए हुआ है। योग जैसी अध्यात्म और पवित्र विद्या को दुनिया के कोने-कोने में पंहुचाने और योग का विश्व गुरु बनने में भारत के प्रधानमंत्री का अथक प्रयास रहा है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड का शहर ऋषिकेश विश्व पटल पर योग का केन्द्र बिन्दु के रुप में उभरा है। उन्होने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत की सराहना करते हुए कहा कि यदि स्वच्छ के बाद योग को अपनाया जाय तो अनेक बीमारियों से निजात मिल सकती है। स्वच्छ काया/शरीर में योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक मजबूती एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाया जा सकता है। उन्होने कहा कि विश्व का कोई भी देश जब योग परम्परा से जुड़ता है तो वह भारत की आत्मीयता से जुड़ता है और यह बात देश को गौरवान्वित करती है।
इस अवसर पर उन्होने वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ में उत्तराखण्ड सरकार को सहयोग दिये जाने की बात भी कही, वहीं पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना की।