ऋषिकेश के बनखंडी में हुए कल्याणी हत्याकांड मामले में नई बात सामने आई है। कल्याणी यादव और अजय यादव ने 19 नवंबर 2017 को गुपचुप ढंग से शादी रचाई थी। किन्हीं कारणों के चलते रिश्ते में कड़वाहट आने के चलते दोनों ने अलग होने का फैसला लिया था। यही कारण था कि मरने से एक दिन पहले ही दोनों तलाक लेने के लिए अदालत पहुंचे थे, लेकिन तलाक की शर्त पूरी न कर पाने के कारण न्यायालय ने उनकी अर्जी खारिज कर दी।
बताया जा रहा है कि जब दोनों ने शादी रचाई थी तो कल्याणी ने शादी की सूचना अपने परिजनों को भी दी, लेकिन अजय यादव ने अपने घर में बताना जरूरी नहीं समझा। यही बात कल्याणी को नागवार गुजरी। कल्याणी बार-बार अजय पर साथ रहने के लिए दबाव बना रही थी। इसके बावजूद अजय अनसुना कर कल्याणी की बात को टालता रहा। लाख कोशिशों के बावजूद कल्याणी जब अजय को साथ रहने के लिए नहीं मना सकी तो उसने तलाक का निर्णय लिया। इस फैसले से उसने अजय को भी अवगत करा दिया था। किसी तरह तलाक को लेकर दोनों के बीच सहमति बनी और दोनों 27 अगस्त 2019 को ऋषिकेश में संबंधित न्यायालय पहुंचे।
यहां दोनों की ओर से अधिवक्ता ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा-13बी के तहत तलाक की अर्जी दाखिल की। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13बी के अनुसार तलाक लेने वाले जोड़े को शादी के बाद पूरे एक साल अलग-अलग रहना होता है। इसी के आधार पर ही संबंधित न्यायालय तलाक की अर्जी स्वीकार करता है। इस केस में ऐसा नहीं देखने को मिला। अधिवक्ता की ओर से पेश किए गए तलाक आवेदन में अलग रहने की अवधि एक साल की बजाए महज छह माह दर्ज कर दी गई। बताया जा रहा है कि ये चूक टाइपिंग में त्रुटि के कारण हुई।
मृतक कल्याणी यादव ने घटना से एक दिन पहले मंगलवार रात को अपनी सहेली से फोन पर वार्ता की थी। सहेली ने बातचीत में बताया कि कल्याणी ने फोन पर उसे बताया था कि आज वह और अजय तलाक लेने गए थे, लेकिन न्यायालय से उन्हें तलाक नहीं मिल पाया। सहेली की माने तो कल्याणी को अजय मंगलवार को भी साथ रहने के लिए दबाव बना रहा था। सहेली ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व भी अजय ने कल्याणी के पैर पर स्कूटी चढ़ा दी थी।
कल्याणी यादव और अजय यादव की शादी में वर्तमान पार्षद देवेंद्र प्रजापति ने भी अपनी गवाही दर्ज कराई थी। पार्षद देवेंद्र प्रजापति ने बताया कि दोनों उनके पास आए थे। वह दोनों बालिग थे और उनकी शादी का कार्ड भी था। जनप्रतिनिधि होने के नाते शादी में अपनी गवाही दर्ज कराई थी।
बता दें कि बुधवार को बनखंडी गली नंबर दो में सुखराम यादव की 27 वर्षीय पुत्री कल्याणी यादव की सुमन विहार बापूग्राम निवासी अजय यादव पुत्र पीआर यादव ने पेपर कटिंग और किचन में रखे चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। इसी के साथ आरोपी अजय ने स्वयं के गले तथा हाथ की नस को भी काट दिया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतका को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था और घायल आरोपी को एम्स में भर्ती कराया था। जहां दोपहर बाद मृतका के पिता ने अपनी बेटी की आंखें एम्स को दान देने का निर्णय लिया और एम्स के चिकित्सकों ने शव से दोनों कॉर्निया प्राप्त कर ली थी।
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि बुधवार को बनखंडी में हुए हत्याकांड में घायल आरोपी अजय यादव का ऑपरेशन किया गया है। पांच घंटे चले ऑपरेशन के बाद उसे इमरजेंसी के ट्रामा वार्ड में भर्ती किया है। चिकित्सकों के अनुसार अजय की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।