देहरादून : दून विहार में लूटपाट के दौरान हुई रक्षा लेखा नियंत्रक (सीडीए) से सेवानिवृत्त महिला अधिकारी गुलशन चड्ढा की हत्या का पुलिस ने 18 घंटाें में ही खुलासा कर दिया। हत्यारोपी कुलविंदर सिंह उर्फ करन को पुलिस ने अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया।
डेढ़ लाख का कर्ज चुकाने के लिए कैटरिंग व्यवसायी ने रिटायर्ड रक्षा लेखाकर्मी के घर लूटपाट कर उनकी हत्या की थी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह रकम और जेवर लेकर अमृतसर भाग गया था। आरोपी कुलविंदर सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को अमृतसर में उसके पैतृक घर भेजा गया था। पुलिस टीम ने शुक्रवार सुबह आरोपी कुलविंदर सिंह उर्फ करन पुत्र सिघारा सिंह निवासी गली नंबर 18, गोविंदपुरा थाना सियादा अमृतसर (पंजाब) को गिरफ्तार कर लिया। देर रात पुलिस उसे लेकर देहरादून पहुंच गई।
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने प्रेस वार्ता में बताया कि गुलशन चड्ढा (65 वर्ष) पत्नी प्रवेश चड्ढा निवासी लेन नंबर एक विद्या विहार, जाखन चीफ डिफेंस ऑडिटर (सीडीए) कार्यालय से सेवानिवृत्त थीं। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने पत्रकाराें को बताया कि कुलविंदर ने प्रवेश चड्ढा के बेटे सन्नी की शादी में कैटरिंग का काम किया था। इस कारण कुलविंदर का चड्ढा परिवार में आना-जाना हो गया था। एक दिन वह किसी काम से उनके घर गया था। इसी दौरान बिस्तर पर रखी ज्वेलरी पर उसकी नजर पड़ी। तब से उसके मन में लालच आ गया था। उसे पता था कि दिन में गुलशन चड्ढा घर में अकेली रहती हैं।
आर्थिक तंगी के चलते लूटपाट की योजना बनाई
गुलशन के घर आना-जाना था आरोपित का-चढ्डा परिवार से करन की मुलाकात उनके यहां बतौर पेइंग गेस्ट रह रहे अंकित और राहुल के माध्यम हुई थी। इसके बाद करन अक्सर गुलशन के घर आने-जाने लगा। इस दौरान उसने देखा कि गुलशन के यहां जेवरात और नकदी कमरे में बेड पर ही पड़े रहते हैं। इसके अलावा दोपहर में घर पर गुलशन के अलावा कोई नहीं होता।
करन पर तकरीबन डेढ़ लाख रुपये का कर्ज था। इस कर्ज को चुकाने के लिए करन ने गुलशन के घर चोरी की योजना बनाई। 31 अक्टूबर को दोपहर डेढ़ बजे वह गुलशन के घर पहुंचा। परिचित होने के कारण गुलशन उसके इरादे भांप नहीं पाईं। करन को कमरे में बिठाकर वह किचन में चली गईं, करन ने जेवरात और नकदी बैग में भरना शुरू किया, तभी गुलशन वहां पहुंच गईं। छीना-झपटी के दौरान करन ने गुलशन को धक्का दे दिया। इससे गुलशन जमीन पर गिर गईं और करन लूटा हुआ माल लेकर सीधे दून विहार स्थित किराये के कमरे पर पहुंचा। इसके बाद वह सामान समेटकर अमृतसर भाग गया।
पूर्व सैन्य अफसर हैं आरोपित के पिता –करन के पिता रिटायर्ड सैन्य अफसर हैं। उसकी एक बहन डॉक्टर और दूसरी प्रोफेसर है। करन भी अमृतसर में बड़ा कैटरिंग व्यवसायी है।
कोरियर डिलीवरी ब्याय ने बताया करन का हुलिया
कोरियर डिलीवरी ब्याय की बदौलत आरोपी की पहचान करने में पुलिस को काफी मदद मिली। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि गुलशन के पति प्रवेश चड्ढा से बातचीत के दौरान पता चला कि दोपहर 1:50 बजे एक कंपनी का डिलीवरी ब्याय कोरियर लेकर आया था। पुलिस ने उसे बुलाकर पूछताछ की तो पता चला कि उस समय घर में एक और शख्स था। पहले आवाज देने पर वह शख्स आया था।
गुलशन चड्ढा बाद में आईं। डिलीवरी ब्वाय द्वारा बताए गए हुलिए के आधार पर पीड़ित परिवार ने उसकी पहचान कुलविंदर सिंह उर्फ करन निवासी दून विहार के रूप में की। गेट के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी आरोपी की तस्वीर कैद हो गई थी। पुलिस उसकी तलाश में किराए के मकान पर पहुंची। मकान मालिक ने बताया कि कुलविंदर अमृतसर जाने की बात कहकर गया है।
अमृतसर में दर्ज हैं कई मुकदमे
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि आरोपी कुलविंदर उर्फ करन के खिलाफ अमृतसर में भी कई मुकदमे बताए गए हैं। ये मुकदमे धोखाधड़ी से संबंधित हैं। इन मुकदमों के बारे में अमृतसर पुलिस से जानकारी मांगी गई है, ताकि आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा सके।
तलाकशुदा युवती के साथ लिवइन में रहता था करन
पुलिस के अनुसार अमृतसर में कैटरिंग के दौरान करन की पहचान कुनाल से हुई थी। कुनाल के घर आने-जाने के दौरान करन के उसकी पत्नी से प्रेम संबंध हो गए। कुनाल से तलाक के बाद उसकी पत्नी देहरादून आ गई। करन का भी पत्नी पूजा सहगल से विवाद चल रहा है। इस पर करन भी पत्नी को छोड़कर अमृतसर से दून चला आया। यहां वह कुनाल की पत्नी के साथ दून विहार में किराये पर रहने लगा। गुलशन की हत्या के बाद करन के साथ लिवइन में रहने वाली युवती भी घटनास्थल पर पहुंची थी। तब तक उसे पता नहीं था कि करन ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। हालांकि, बाद में युवती को इसका अंदेशा हो गया था।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे करन ने दून आने के बाद डीआईटी कॉलेज के पास कैटरिंग का काम किया, लेकिन सफल नहीं हुआ। इसके बाद उसने लिवइन में रहने वाली युवती की मां की परिचित महिला के साथ पार्टनरशिप में सरदारजी की रसोई नाम से कैटरिंग का काम शुरू किया। इसके लिए करन ने महिला से डेढ़ लाख रुपये उधार लिए थे। व्यवसाय में महिला के दखल से तंग आकर उसने अलग काम शुरू किया, लेकिन काम नहीं चला। इसके बाद महिला कर्ज चुकाने का दबाव बनाने लगी। रोज-रोज के तकादे से छुटकारा पाने के लिए उसने चोरी की योजना बनाई, लेकिन उसके हाथ से बुजुर्ग महिला की हत्या हो गई।