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राजधानी में आज भोजनमाताओं ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा।

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प्रदेश में इन दिनों विभिन्न संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, आशा वर्कर पहले ही अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच व विधानसभा घेराव कर प्रदर्शन कर चुकी हैं, तो वहीं आज प्रगतिशील भोजनमाता संगठन ने न्यूनतम वेतन 15 हजार और स्थायी रोजगार सहित विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। पुलिस ने सचिवालय के पास बैरिकेट लगाकर भोजनमाताओं का आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद भोजनमाताओं ने सड़क घेरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश विभिन्न जिलों से पहुंची भोजनमाताएं परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर एकत्र हुए। मांगों के निस्तारण के लिए संगठन अध्यक्ष हंसी गौड़ की अध्यक्षता में  सिर पर लाल रिबन और हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए भोजनमाताओं ने रैली के रूप में सचिवालय कूच किया। लेकिन सचिवालय के पास रोके जाने से नाराज भोजनमाताओं ने सड़क घेरकर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। संगठन प्रदेश अध्यक्ष हंसी देवी ने प्रदेश सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि भोजनमाताएं पिछले 18 सालों से स्कूलों के साथ ही अन्य विभागों में कार्यरत हैं। कहा कि इतनी महंगाई में दो हजार रूपए मानदेय में कार्यरत भोजनमाताओं की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है।संगठन महामंत्री रजनी जोशी ने कहा कि खाना बनाने के साथ ही साफ-सफाई और अन्य तरह के काम भी भोजनमाताओं से लिया जा रहा है। कहा कि अगर जल्द ही न्यूनतम मजदूरी तय नही होती तो भोजनमाताएं सामूहिक कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।करीब ढाई घंटे प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए संगठन प्रतिनिधि मंडल ने सचिवालय पहुंचकर सचिव को ज्ञापन सौंपा।

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