उत्तराखंड सरकार ने कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निजी अस्पतालों को भी कोरोना मरीजों के इलाज की परमिशन दी है। जिसके लिए निजी अस्पतालों को भारत सरकार/ आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही मरीजों का इलाज करना होगा। हाल के दिनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में 20 बैड वाले निजी अस्पताल व शहरी क्षेत्रों में 40 बैड क्षमता वाले निजी अस्पतालों को भी कोरोना मरीजों के इलाज की इजाजत दी है।
भारत सरकार के निर्देशों पर अब राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तय की गई निर्धारित दरों को भी लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
देखें सरकार द्वारा निर्धारित की गई दरें-
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सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि नॉन एनएबीएच अस्पतालों में मध्यम श्रेणी के मरीजों को ऑक्सीजन स्पोर्टेड आइसोलेशन बेड में भर्ती करने पर एक दिन का शुल्क 8 हजार रूपए होगा। जिसमें 1200 रूपए पीपीई किट का मूल्य भी शामिल है। मध्यम श्रेणी के मरीज के एनएबीएच सर्टिफाइड अस्पताल के ऑक्सीजन सपोर्टेड आइसोलेशन बैड में भर्ती करने पर एक दिन का शुल्क 10 हजार रूपए होगा। जिसमें 12 सौ पीपीई किट का मूल्य भी शामिल है।
गंभीर मरीज की नान एनबीएच अस्पताल में आईसीयू में भर्ती करने पर 1 दिन का शुल्क 13000 रुपए होगा जिसमें ₹2000 पीपीई किसके होंगे। गंभीर मरीज के एन ए बी एच अस्पताल में आईसीयू बेड में भर्ती होने पर 1 दिन का शुल्क 15000 रुपए होगा जिसमें ₹2000 पीपी किट के भी शामिल है। क्रिटिकल मरीजों को नान एन ए बी एच अस्पताल में वेंटिलेटर आईसीयू बेड में भर्ती करने पर ₹15000 का शुल्क होगा, जिसमें 2000 पीपीई किट के भी शामिल हैं। जबकि एनएबीएस अस्पताल के वेंटिलेटर युक्त आईसीयू में मरीज को भर्ती करने पर 1 दिन का शुल्क ₹18000 होगा जिसमें ₹2000 पीपीई किट के भी शामिल है।