लॉकडाउन के दौरान पुलिस का जो मानवीय चेहरा सामने आया है, उसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है। लेकिन आज नैनीताल जिले के कालाढूंगी से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने पुलिस विभाग को शर्मसार किया है। तहसील रामनगर में तैनात महिला पटवारी रंजना आर्या के साथ कालाढूंगी पुलिस के कांस्टेबल अशोक काम्बोज द्वारा अभद्रता किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। महिला पटवारी ने उपजिलाधिकारी व पुलिस क्षेत्राधिकारी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है।
पत्र में कहा गया है कि बुधवार को महिला पटवारी अपने परिजनों के साथ विधिवत अनुमति लेकर नैनीताल जा रही थीं, कालाढूंगी में पुलिस कांस्टेबल अशोक काम्बोज द्वारा चेकिंग के नाम पर महिला पटवारी के साथ अभद्रता की गयी। यह बताने पर कि वह पटवारी है तो जवाब मिला कि “तू पटवारी होगी अपने घर की” जब बताया गया कि उनको एस. डी. एम. द्वारा अनुमति प्राप्त है तो पुलिस द्वारा कहा गया कि “एस. डी. एम. क्या तोप है”। महिला पटवारी के साथ-साथ उनके परिजनों के साथ भी अभद्रता की गयी। महिला पटवारी इस घटना से मानसिक रूप से परेशान है।
महिला पटवारी द्वारा उच्चधिकारियों को अशोक काम्बोज के खिलाफ कानूनी कार्यवाही तथा प्रथम सूचना रिपार्ट दर्ज करवाने की गुहार की गयी है। उत्तराखण्ड लेखपाल संघ को भी घटना से अवगत कराया गया है।
वहीं उत्तर भारत पटवारी/ कानूनगो संघ के महासचिव तारा चन्द्र घिल्डियाल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि लॉकडाउन अवधि में देखने में आ रहा है कि पुलिस पूरे प्रदेश में लगातार राजस्व कार्मिकों के साथ उत्पीड़न कर रही है, यह मित्र पुलिस के सिद्धान्तों के खिलाफ है। हम जिलाधिकारी तथा एस.एस.पी. से मांग करते हैं कि शीघ्र पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्यवाही हो, अन्यथा समस्त राजस्व कार्मिक कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।