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पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित की जाएंगी 148 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं : देवभूमि

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देहरादून : उत्तराखंड के स्थायी निवासियों के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में 148.85 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में परियोजना अनुमोदन समिति की बैठक में इस परियोजनाओं के लिए 208 आवेदकों के प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई गई।
उत्तराखंड सौर ऊर्जा नीति-2013 (संशोधित-2018) के तहत 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। बैठक में बताया गया कि सभी चयनित 208 आवेदकों को 30 जून, 2020 तक सौर परियोजनाएं पूर्ण करनी होंगी। इन परियोजनाओं की स्थापना से राज्य में करीब 600 करोड़ रुपये का निवेश हो सकेगा। सभी परियोजनाएं निवेशक अपने वित्तीय संसाधन से स्थापित करेंगे।
परियोजनाओं से उत्पादित बिजली ऊर्जा निगम 25 वर्षों तक खरीदेगा। मुख्य सचिव ने परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देनी नहीं करने के निर्देश दिए। सभी कार्य समयबद्ध पूरे करने के लिए लगातार मॉनीटरिंग की हिदायत दी गई। चयनित विकासकर्ताओं को हर संभव सहायता मुहैया कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को परियोजनाओं की स्थापना में विकासकर्ताओं को आवश्यक सहयोग देने की हिदायत दी।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ये परियोजनाएं मददगार साबित होंगी। साथ में राज्य को स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्ति होगी। उन्होंने शेष 52 मेगावाट क्षमता के प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए उरेडा को निर्देश दिए। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि उरेडा के जरिये उक्त परियोजनाओं के लिए कुल 237 प्रस्ताव ऑनलाइन प्राप्त हुए थे।
इनका तकनीकी मूल्यांकन समिति ने परीक्षण किया। परीक्षण में 208 प्रस्तावों को सही पाया गया। उन्होंने बताया कि निविदा में न्यूनतम 3.30 रुपये प्रति यूनिट और अधिकतम 4.71 रुपये प्रति यूनिट सौर बिजली की दर मिली। ये प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग से निर्धारित अधिकतम दर 4.73 रुपये प्रति यूनिट के अंतर्गत हैं। बैठक में राजस्व सचिव सुशील कुमार, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज, जिलों से आए मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी और ऊर्जा निगम और पिटकुल के प्रबंध निदेशक मौजूद थे।