Home अंतर्राष्ट्रीय पेरिस के 850 साल पुराने चर्च में लगी आग, भारी नुकसान

पेरिस के 850 साल पुराने चर्च में लगी आग, भारी नुकसान

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फ्रांस की राजधानी पेरिस के मध्य स्थित 12वीं सदी का प्रसिद्ध नॉट्रे डैम कैथेड्रल चर्च में सोमवार को भीषण आग लग गई। हालांकि,अब आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है, लेकिन अभी भी आंशिक रुप से आग लगी हुई है। इस घटना में चर्च पूरी तरह तबाह हो गया। पेरिस के अग्निशमन विभाग ने घंटो मशक्कत के बाद ऐतिहासिक नॉट्रे डैम कैथेड्रल चर्च में लगी आग को काबू कर लिया है।अग्निशमन विभाग ने गोथिक कैथेड्रल की मुख्य संरचना को बचा लिया है।

जानकारी के मुताबिक आग छत से शुरू हुई और देखते-देखते उसने पूरे चर्च को अपनी चपेट में ले लिया। आग की ऊंची-ऊंची लपटे दूर-दूर तक देखी गईं। आग के चलते आसमान में काले धुएं के बादल छा गए। आग से चर्च की ऊंची मीनारें पूरी तरह खाक हो गई हैं। छत का बड़ा हिस्सा पूरी तरह जल गया है।

फायर ब्रिगेड के मुताबिक आग शाम लगभग पांच बजे लगी। व्यापक पैमाने पर चर्च के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि आग लगने की वजह जीर्णोद्वार कार्यो से जुड़ी हो सकती है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने अपना टीवी संदेश निरस्त कर दिया और तुरंत मौके पर पहुंच गए। वहीं पेरिस के मेयर ऐनी हिडाल्गो ने एक ट्वीट में इसे भयानक आग बताया है।

पेरिस अग्निशमन विभाग आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। उसने ट्वीट करके लोगों से अग्निशमन कर्मचारियों के साथ सहयोग करने को कहा है। प्रवक्ता ने बताया कि चर्च ईस्टर की तैयारियां कर रहा था। कैथेड्रल के प्रवक्ता ने बताया कि छत पर लगे लकड़ी के ढांचे से यह आग लगी। आग से ऐतिहासिक भवन के साथ ही उस पर की गई चित्रकारी भी नष्ट हो गई। लगभग 850 साल पुराने इस चर्च में काठ का काम ज्यादा था। आग में सबकुछ खाक हो गया है। जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्केल ने घटना पर दुख जताते हुए इस चर्च को यूरोपीय संस्कृति का प्रतीक बताया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट कर इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि भीषण आग को देखना बहुत दुखद है। लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा है कि दुख की इस घड़ी में लंदन के लोग पेरिस के साथ खड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया है। यूनेस्को महासचिव ऑड्रे आजोले ने कहा कि हम चर्च को बचाने और उसके पुनरोद्धार में फ्रांस के साथ है। यूनेस्को ने 1991 में इस चर्च को विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया था।इस चर्च का निर्माण वर्ष 1163 से 1345 बीच कराया गया था। हर साल इसे देखने के लिए एक करोड़ से ज्यादा सैलानी आते थे।