इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र ने खुदकुशी कर ली। इस घटना से हर कोई सन्न है। फिलहाल परिजनों ने टीचर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
इस बात से छात्र इस कदर डर गया कि उसने अपनी परेशानी परिजनों को बताने की बजाय स्कूल के पीछे एक पेड़ पर फंदा लगा कर फांसी लगा ली। छात्र के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। परिजनों ने शिक्षा मंत्री से अपील की है कि स्कूलों के लिए मानक तय किए जाएं। अपनी अपील में परिजनों ने सवाल किया कि स्कूलों के लिए मानक तय क्यों नहीं किए गए हैं। छात्र बोर्ड परीक्षा को लेकर पहले ही परेशान हैं, उस पर उन्हें स्कूल में परेशान किया जाता है। बच्चा अपने मन की बात घर पर भी नहीं बता पाता। उत्तराखंड में निजी स्कूलों के लिए मानक तय नहीं हैं। ना फीस को लेकर मानक तय हैं, ना ही किताबों को लेकर। छात्रों का उत्पीड़न हो रहा है, छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती। परिजनों ने शिक्षा मंत्री से निजी स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी करने की मांग की ताकि बुरा सलूक करने वाले टीचर्स को सबक मिले, और छात्रों का उत्पीड़न बंद हो सके।