Home अपना उत्तराखंड नहीं सुधर रहे उत्तराखंड रोडवेज के चालक, एक और शराबी बर्खास्त…

नहीं सुधर रहे उत्तराखंड रोडवेज के चालक, एक और शराबी बर्खास्त…

1037
SHARE

देहरादून : उत्तराखंड के रोडवेज के चालकों ने न सुधरने की कसम खा ली है। बीते 24 घंटे में पिथौरागढ़ मार्ग पर दूसरा शराबी चालक पकड़ा गया। बस सोमवार की रात दिल्ली से पिथौरागढ़ के लिए चली, लेकिन रास्ते में रामपुर में रेस्तरां में चालक ने शराब पी ली व इस कदर धुत हो गया कि बस संचालन लायक नहीं रहा।

गनीमत यह रही कि परिचालक ने सूझबूझ दिखाते हुए अफसरों को सूचना दे दी। यूपी पुलिस ने आरोपित चालक को गिरफ्तार कर लिया। हल्द्वानी डिपो से दूसरा चालक मौके पर भेजा गया। इस वजह से यात्री तीन घंटे वहीं खड़े रहे। रोडवेज प्रबंधन ने आरोपित संविदा चालक को बर्खास्त कर दिया है।

बता दें कि रविवार की रात गुरूग्राम से चंपावत जा रही पिथौरागढ़ डिपो की बस में चालक के शराब पीकर धुत होने की घटना सामने आई थी। बस रविवार रात चली थी व उसमें 30 सवारी थी। एक यात्री ने पूरी रात बस चलाकर उसे रुद्रपुर तक पहुंचाया था। मामले में चालक को बर्खास्त, जबकि परिचालक को घटना की सूचना न देने पर निलंबित कर दिया गया था।

मामले में जांच चल ही रही थी कि मंगलवार को एक और मामला सामने आ गया। पिथौरागढ़ डिपो की एक बस (यूके07पीए-2147) दिल्ली आइएसबीटी से रविवार रात साढ़े दस बजे पिथौरागढ़ के लिए चली। मंगलवार तड़के मुरादाबाद के पास रामपुर में बस ब्रेकफास्ट के लिए रोकी गई।

आरोप है कि इस दौरान चालक ने शराब पी ली। जब बस ले जाने की बारी आई तो चालक उठने लायक भी नहीं था। इस पर परिचालक गणेशचंद्र पांडे ने एजीएम पिथौरागढ़ को फोन कर सूचित किया। एजीएम ने तत्काल पुलिस बुलाकर चालक को गिरफ्तार कराने के निर्देश दिए व बताया कि वह दूसरा चालक मौके पर भेज रहे हैं।

परिचालक ने डॉयल 100 पर फोन कर यूपी पुलिस को सूचना दी। पुलिस वहां पहुंची और आरोपित चालक को गिरफ्तार कर लिया। करीब तीन घंटे बाद हल्द्वानी से दूसरा चालक मौके पर पहुंचा और बस को पिथौरागढ़ ले गया। रोडवेज के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने बताया कि आरोपित संविदा चालक राजू कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। चूंकि, परिचालक ने सूझबूझ का परिचय दिया, लिहाजा उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

क्या कर रहे डिपो एजीएम

चालकों के नशे में धुत होकर चलने और यात्रियों के संग दुव्र्यवहार के मामले रोजाना सामने आ रहे, लेकिन डिपो एजीएम आराम फरमा रहे हैं। रोडवेज का एक भी एजीएम अपने दफ्तर से बाहर निकलकर चेकिंग को राजी नहीं है। न बस अड्डे पर चालकों या परिचालकों की जांच हो रही, न किसी मार्ग पर।

बेधड़क यात्रियों की जान से खिलवाड़ का सिलसिला जारी है और प्रबंधन हर बार चालक को सेवा से निकालकर पल्ला झाड़ ले रहा। सवाल ये कि आखिरकार चालकों की इतनी शह कैसे मिल रही कि वह मार्गों पर मनमर्जी पर उतारू हैं। पिथौरागढ़ डिपो की बस में चालकों के शराब पीकर चलने के 24 घंटे के अंदर दो मामले सामने आए लेकिन प्रबंधन ने डिपो के अधिकारियों की तरफ जांच की सुईं तक नहीं घुमाई।

…तो क्या सोते रहे हैं प्रवर्तन दल

रोडवेज मुख्यालय की मानें तो विभिन्न मार्गों पर 24 घंटे एक दर्जन प्रवर्तन दलों की तैनाती रहती है। इनका काम बसों में टिकट व सामान चेक करना है। अब इन्हें चालकों एवं परिचालकों के शराब पीने की जांच का जिम्मा भी दिया जा रहा। सवाल ये उठ रहा कि जब प्रवर्तन टीम बसों को रोककर यात्री टिकट की जांच तक नहीं कर रही तो शराब प्रकरण में जांच कैसे करेगी। रात में तो एक भी प्रवर्तन टीम की चेकिंग सामने नहीं आ रही।