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नागरिकता संशोधन कानून के समर्थऩ में जुलूस निकालना पड़ा भारी।

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उत्तराखंड विश्वकर्मा शिल्पकार मंच को नागरिकता संशोधन कानून के समर्थऩ में जुलूस निकालना भारी पड़ा।सीएए के समर्थऩ में बिना अनुमति जुलूस निकालने पर उत्तराखण्ड विश्वकर्मा शिल्पकार मंच की संस्थापक रीना गोयल समेत 120 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने कई दिन पहले कानून व्यवस्था के मद्देनजर बिना अनुमति के जुलूस और प्रदर्शन न करने का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि अनुमति के लिए कम से कम एक सप्ताह पहले आवेदन होना चाहिए, ताकि पुलिस समुचित व्यवस्था कर सके।
इसके विपरीत उत्तराखंड विश्वकर्मा शिल्पकार मंच की संस्थापक रीना गोयल के नेतृत्व में पुरुषों और महिलाओं ने सीएए के समर्थन में नगर निगम से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाला।आयोजक पुलिस के मांगने पर किसी तरह की अनुमति नहीं दिखा सके।
गोयल के अलावा 13 अन्य लोग नामजद हैं। इंस्पेक्टर की तरफ से कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए है।
शहर कोतवाली निरीक्षक शिशुपाल नेगी ने बिना अनुमति के जुलूस निकालने और यातायात बाधित करने के आरोप में रीना गोयल समेत 120 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है।
रीना गोयल के अलावा मुकदमे में अमन सिंह चौहान निवासी ओल्ड कनॉट पैलेस, पूनम वर्मा निवासी नहरवाली गली मोती बाजार, गौर सिंह नेगी, दीवान सिंह बिष्ट, कृष्णा दास, विक्रम सिंह बिष्ट, अमन चौहान वकील, आदित्य वर्मा, संजय, विरेन्द्र, मनीषा स्वामी, सुमन और फू ल कुमार को आरोपी बनाया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने कहा कि शहर और देहात में कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की पहली प्राथमिकता है।पुलिस की तरफ से पहले ही स्पष्ट बता दिया गया था कि यदि कोई भी बिना अनुमति के जुलूस अथवा प्रदर्शन करेगा तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।इसी कड़ी में उत्तराखंड विश्वकर्मा शिल्पकार मंच से जुड़े लोगाें के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।