उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बुधवार देर सांय मुम्बई में जाने माने फिल्मकारों ने मुलाकात की।इस अवसर पर उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने और राज्य की फिल्म नीति पर विस्तार से चर्चा की गई। जल्द ही फिल्मकारों का एक दल उत्तराखण्ड आएगा और विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर वहां फिल्म शूटिंग की सम्भावनाओं का जायजा लेगा।
मुख्यमंत्री ने मिलने आए फिल्मकारों को उत्तराखण्ड में कण्डाली (बिच्छु घास) से बनी जैकेट भेंट की, सभी ने जैकेट की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध कण्डाली से जैकेट सहित बहुत सी वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। यह राज्य के युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर उपलब्ध करा सकती है। राज्य सरकार इसे लगातार प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म इंडस्ट्रीज का आकर्षण भी काफी बढ़ा है। गत वर्ष राज्य में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में देश विदेश के फिल्म निर्माताओं द्वारा जो सुझाव दिये गये थे, उन्हें शामिल करते हुए फिल्म नीति 2019 लागू की गई। इसके साथ ही फिल्म जगत की बड़ी हस्तियों से संवाद कर उन्हें उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए आमंत्रित किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवार्ड्स में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फेंडली स्टेट के लिए किया गया है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं, जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है। बड़ी संख्या मे दक्षिण भारत व अन्य क्षेत्रों के फिल्मकार भी राज्य के प्रति आकर्षित हुए हैं। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य फिल्मों के अनुकूल है। यहां का शांत माहौल, अपनत्व व भाई चारा फिल्म निर्माताओं को पसन्द आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मेें फिल्म उद्योग को बढावा देने के लिए फिल्म शूटिंग शुल्क माफ कर दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा फिल्मों की शूटिंग से संबंधित सभी औपचारिकताएं सिंगल विण्डो सिस्टम केे माध्यम से एक सप्ताह के भीतर पूरी की जा रही है। हमारा प्रयास है कि हम पर्यटन, फिल्म व्यवसाय व फिल्म उद्योग का समन्वय कर प्रदेश को विकास की नई दिशा की ओर लेकर चलें।