प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के समय पर लिए गए साहसिक निर्णय से देश आज खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। हर भारतवासी प्रधानमंत्री को अपने अभिभावक तौर पर देख रहा है।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम प्रधानमंत्री द्वारा दिए गये मंत्र जान भी जहान भी पर काम कर रहे हैं। भारत सरकार की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करते हुए धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति को सुधारने पर काम कर रहे हैं। फार्मा, फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां काम कर रही हैं, गाइडलाइन के तहत कई उद्योग शुरू हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड धार्मिक पर्यटन का केन्द्र रहा है, लॉकडाउन के कारण पर्यटन में नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल मानकों का पालन करते हुए यह देखना चाहिए कि किन-किंन और आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जा सकता है। निर्धारित सामाजिक दूरी व मास्क की अनिवार्यता के साथ कृषि वानिकी, स्वरोजगार के माध्यम से धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से स्थिति सामान्य हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि प्रदेश के 9 पर्वतीय जिले जो कि कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं, वहां एनएच, मनरेगा के काम सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शुरू किए गए हैं। प्रदेश के इकॉनॉमिक रिवाइवल के लिए मंत्रिमंडलीय उपसमिति और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है, जिनकी रिपोर्ट जल्द मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने 100 मनरेगा में रोजगार अवधि को 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन किए जाने का भी सुझाव दिया है।