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मुख्यमंत्री की प्रदेश के नागरिकों से अपील..

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहा कि कोरोना वायरस आज जब सम्पूर्ण मानव जाति के समक्ष एक अति गम्भीर चुनौती है। कोरोना वायरस ने शक्तिशाली एवं सम्पन्न राष्ट्रों को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना को भारत एवं उत्तराखण्ड परास्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोरोना वायरस महामारी को रोकने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन एवं चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह लेते हुए हमारी सरकार ने अनेकों प्रभावी कदम उठाए हैं। अधिकारियों द्वारा लगातार स्थिती पर निगाह रखी जा रही है। इस महामारी से लड़ने के प्रयास में उत्तराखण्ड भारत के अग्रणी राज्यों में से एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों के अन्तर्गत एपिडेमिक डिजीज कन्ट्रोल एक्ट-1897 के प्राविधानों के अन्तर्गत COVID-19 रेगुलेशन राज्य में लागू किया गया तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य टास्क फोर्स का गठन किया गया है। साथ ही, मंत्रिमंडल की दो आपात बैठकें, इसी चुनौती से निपटने हेतु की जा चुकी हैं। राज्य में संक्रमण की सम्भावना को देखते हुए भारत नेपाल सीमा की समस्त चैकियों में जनपद चम्पावत के बनबसा व टनकपुर में, जनपद पिथौरागढ के धारचुला, बलुवाकोट, जोलजीवी, बालाघाट व ड्यूरा में तथा जनपद उधमसिंह नगर के खटीमा से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। अब तक उक्त जगहों पर 55109 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें कोई भी कोरोना संक्रमण संदिग्ध नहीं मिला है। प्रत्येक स्क्रीनिंग प्वाइंट पर मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, इन्फारेड थर्मोमीटर की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव संसाधन की कमी के दृष्टिगत उत्तराखण्ड मेडिकल चयन बोर्ड द्वारा पूर्व विज्ञापन के 314 पदो पर नियुक्ति की प्रक्रिया गतिमान है। इसके अतिरिक्त 562 नये पदो पर भर्ती करने के आदेश किये गये है। श्रीनगर, हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष को आगामी 03 माह के लिए इन्टरव्यू द्वारा संविदा पर पदों के सापेक्ष डॉक्टरों की भर्ती किये जाने के अधिकार प्रदान किया गया है इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी भी चिकित्सालयों हेतु अपने स्तर से भर्ती कर सकेंगे। इस सम्बन्ध में प्रस्ताव कैबिनेट द्वारा अनुमोदित कर लिया गया है। नर्सों की कमी को देखते हुए विभागाध्यक्षों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से नर्सों की नियुक्ति के अधिकार दिए गये हैं।
कोरोना कोविड-19 के टेस्ट के लिए हल्द्वानी मेडिकल कालेज के अतिरिक्त दो अन्य एम्स ऋषिकेश तथा इडियन इंस्टीट्यूट आॅफ पेट्रोलियम की अनुमति आईसीएमआर से प्राप्त हो गयी है। मास्क व सैनेटाइजर को आवश्यक वस्तुओं के अन्तर्गत सूचीबद्ध किया गया है। इनकी कालाबाजारी की रोकथाम हेतु छापेमारी की कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य में कल 04 कोविड-19 रोगियों की पुष्टि हुई है तथा कन्टैक्ट टेसिंग के माध्यम से इनके सम्परकों पर आने वाले सभी व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। राज्य में 2082 व्यक्तियों की पहचान की गई है जो कि चीन तथा अन्य कोविड-19 प्रभावित देशों से यात्रा करके आये हैं जिनको 28 दिनों के लिए निगरानी में रखा गया है। इनमें से 628 व्यक्ति 28 दिनों की निगरानी अवधि पूर्ण कर चुके हैं। वर्तमान में 1323 व्यक्ति 28 दिन की निगरानी में हैं। राज्य में अब तक 237 सैम्पल लिये गये है जिनमें से 162 सैम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है इनमें से 158 सैम्पल निगेटिव पाये गये है और 04 केस पाजिटिव पाये गये हैं आतिथि तक 75 सैम्पल की रिपोर्ट प्रतीक्षारत है जिनकी जनपद स्तर द्वारा स्वास्थ्य निगरानी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के नागरिकों से यह अपील है कि वे भी अनावश्यक यात्रा से बचे जिससे कि वे और उनका परिवार सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने वाले भाई-बहनों से लेकर, सामग्री एवं सेवाओं की आपूर्ती में लगे कर्मियों, पुलिस कर्मी तथा विशेषकर वह चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ जो अपने व्यक्तिगत सुरक्षा को जोखिम में डालते हुए भी इस कार्य में निरन्तर लगे व्यक्तियों को विशेष साधूवाद दिया। उन्होंने अनुरोध किया कि वे अपनी सुरक्षा में भी कोई कोताही न बरतें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किये गये अनेक प्रयासों में सफलता तभी प्राप्त हो सकती है जबकि इसमें सम्पूर्ण जन-सहभागिता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा लागू किये गये 21 दिनों के इस महायज्ञ में संयम एवं सकल्प की आहुति देते हुए अपने आस पास के सभी नागरिकों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने एवं अफवाहों से बचने का अनुरोध किया।