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मिड-डे मील में बच्चे जल्द चखेंगे झंगोरा और मंडुवा का स्वाद, डीएम ने शुरू की कवायद

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पौड़ी जिलाधिकारी धीराज सिंह ने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने मिड डे मील में चावल की जगह झंगोरा, मंडुवा (कोदा) को रिप्लेस करने का मन बनाया है। उनका कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों के मिड-डे मील में पारंपरिक अनाजों का प्रयोग किया जाना चाहिए। इससे बच्चों को पौस्टिक भोजन तो मिलेगा ही, साथ ही किसानों की आय में वृद्धि होगी।

प्रशासन की इस पहल को लेकर किसानों का कहना है कि अक्सर अनाज के खरीददार न मिलने, जंगली जानवरों और फसल खराब होने के चलते किसान खेती से मुंह मोड़ रहा है। ऐसे में अगर प्रशासन मिड-डे मील में पारंपरिक अनाज का प्रयोग करता है तो इससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों को अपने अनाज बेचने के लिए मंडी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और क्षेत्र में सभी प्राथमिक विद्यालयों में इसकी खपत आसानी से हो जाएगी।

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