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मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाए न्यूरो वेलनेस स्पा थेरेपी…

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मसाज थेरेपी के अनेक फायदे तो हैं ही, न्यूरो वेलनेस स्पा थेरेपी और भी अनेक खूबियां समेटे है। इसमें शामिल अनेक तरह की मसाज सेहत को कई तरह से स्वस्थ करती है। इनके बारे में जानकारी दे रही हैं मोनिका अग्रवाल

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में तनाव और चिंताओं का कारण रोजमर्रा की जिंदगी की आम समस्याएं होती हैं। और यही वजह  मानसिक प्रताड़ना को उत्पन्न करती है। यह मानसिक तनाव व्यक्ति को आंतरिक तौर पर अक्षम और खोखला करने लगता है।  इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और चिंता से निजात पाने के लिए लोग कई वैकल्पिक उपायों की मदद लेते हैं।  लेकिन आज हम बात करेंगे एक नेचुरल थेरेपी की यानी कि न्यूरो वेलनेस स्पा थेरेपी की।

क्यों जरूरी है यह थेरेपी
न्यूरो वेलनेस स्पा थेरेपी कराने से शरीर का तंत्रिका तंत्र सक्रिय होता है। यह थेरेपी नर्व्स को आराम पहुंचाती है। इस थेरेपी से एन्डॉर्फिन्स रिलीज होता है, तो दर्द कम हो जाता है। इस थेरेपी द्वारा स्वेट ग्लैंड्स सक्रिय होने से पसीने का निर्माण होता है, जिस कारण यूरिया और वेस्ट प्रोडक्ट्स त्वचा के जरिए बाहर निकल आते हैं। यह थेरेपी न सिर्फ त्वचा को जवां व चमकदार बनाती है, बल्कि इससे मांसपेशियों में भी लचीलापन आता है।

जानें थेरेपी को 
थेरेपी दो तरह की होती है – हाइड्रो और ड्राई। पहले बात करेंगे ड्राई स्पा की। यह मसाज थेरेपी है। मसाज  यानी मालिश। मसाज थेरेपी भी कई प्रकार से दी जाती है।

आयुर्वेदिक मसाज
इसमें मसाज जड़ी-बूटियों की सहायता से और आयुर्वेदिक डॉक्टर के मशवरे के साथ की जाती है। आयुर्वेदिक मसाज अधिकांशत: लाइफस्टाइल से होने वाली परेशानियों में की जाती है।  जैसे तनाव, शरीर में दर्द आदि।

स्वीडिश मसाज
माना जाता है कि इसमें गोलाई में घुमाते हुए धीरे-धीरे शरीर की आराम से मसाज की जाती है। इसलिए महिलाओं के लिए ज्यादा उपयोगी है। यह शरीर दर्द, जोड़ों की अकड़न, के कम करने और गठिया के इलाज में फायदेमंद है।

बेलिनिस मसाज
यह मसाज काफी कुछ एक्यूप्रेशर से मिलती-जुलती है, क्योंकि इसमें काफी प्रेशर से मसाज की जाती है।

इंडोनेशियन मसाज
इसमें इंडोनेशियन तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

थाई मसाज
इस मसाज को ड्राई मसाज भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें तेल की जगह पाउडर का प्रयोग होता है। इसमें शरीर के अलग-अलग बिंदुओं पर हाथ, कोहनी या एक्यूप्रेशर टूल्स से दबाव बनाया जाता है। थकान से तुरंत राहत दिलाने में यह थेरेपी बहुत कारगर है।

डीप टिश्यू मसाज
यह मसाज खेलकूद के क्षेत्र से जुड़े हुए लोग कराना पसंद करते हैं। इसमें जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है। थकान हटाने और ऊर्जा का स्तर बढ़ाने में यह थेरेपी मददगार है।

अरोमा थेरेपी
इस थेरेपी में विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों के तेलों से मसाज की जाती है। जैसे कि तुलसी के तेल से मसाज करने से माइग्रेन और अजवाइन के तेल से शरीर की त्वचा के संक्रमण में आराम मिलता है।

शिला अभियंगा
यह मसाज पत्थरों से की जाती है। मसल्स को मुलायम बनाने और रिलेक्स करने, टॉक्सिन्स को रिलीज करने, दर्द से छुटकारा पाने और डीप रिलेक्सेशन के लिए यह एक प्राचीन थेरेपी है। इसमें सबसे पहले शरीर पर तेल लगाया जाता है, जिससे तनाव दूर होता है । इसके बाद शिला को गर्म पानी में डुबाकर शरीर के मुख्य बिंदुओं  पर रखा जाता है। इसमें बेसाल्ट स्टोन्स को 120-130 डिग्री तापमान पर पानी में गर्म करके तेल में डुबोया जाता है। फिर इन्हें रीढ़ की हड्डी पर 15-20 मिनट तक रखा जाता है। इससे मांशपेशियों में होने वाली ऐंठन भी दूर होती है।

हाइड्रो थेरेपी
अब बात करते हैं वैट थेरेपी यानी हाइड्रो थेरेपी की। हाइड्रो थेरेपी नैचुरोपैथी, ऑक्युपेशनल थेरेपी और फिजियोथेरेपी का हिस्सा है, जिसमें दर्द से आराम मिलता है। इस  ट्रीटमेंट के लिए पानी का इस्तेमाल होता है।

बालनेओ थेरेपी
बालनेओ थेरेपी करते समय जिस पानी में स्पा करवाया जाता है, वह मिनरल युक्त होता है। ये मिनरल किसी औषधि से कम नहीं होते। बालनेओ थेरेपी में हॉट एंड कोल्ड बाथ करवाया जाता है, क्योंकि इस बाथ से त्वचा के रोमकूप सक्रिय होते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म सही होता है और शरीर में जमे टॉक्सिन भी बाहर निकल आते हैं, जिससे त्वचा को ऊर्जा  मिलती है।

थर्मल थेरेपी
इस थेरेपी में गुनगुने खुशबूदार पानी में स्नान करने से त्वचा रोग से मुक्ति मिलती है। इससे त्वचा संक्रमण भी दूर होता  है।

थालासो थेरेपी
समुद्र में कई प्रकार के हर्बल उत्पाद और खनिज पाए जाते हैं, जो रक्तसंचार ठीक करने के साथ तनाव दूर करने में भी मददगार होते हैं।  इसलिए थालासो थेरेपी में समुद्री पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

शावर बाथ
इसका भी अपना अलग महत्व है। ऊपर से फुहारों के रूप में गिरते पानी के नीचे खड़े होकर स्नान करने से त्वचा के रोमकूप सक्रिय हो जाते हैं। शरीर में जमे टॉक्सिन बाहर निकल आते हैं और मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है।

वर्लपूल बाथ
तनाव और  अन्य बीमारियों से बचे रहने के लिए गर्म पानी के बुलबुलों के साथ स्नान किया जाता है। ऐसा करने से शरीर को आराम मिलता है।

मड थेरेपी
त्वचा की समस्या व नसों में ब्लॉकेज की वजह से शरीर में ठीक से रक्तसंचार नहींं होना,  दर्द या थकान बने रहना जैसी परेशानी में यह थेरेपी दी जाती है। मिट्टी में नीम की पिसी पत्तियां और दूसरी जड़ी-बूटियां मिलाकर शरीर पर लगाई जाती हैं।

पोटली थेरेपी
इस थेरेपी में एक सूती कपड़े की पोटली में नीम, चंदन, खस आदि जड़ी-बूटियों को रखकर, पोटली बनाकर हल्का-सा  गर्म कर  शरीर पर उससे सिकाई की जाती है। सिकाई करते समय शरीर के प्रेशर प्वाइंट्स पर मसाज भी दी जाती है।

चेयर मसाज
इस मसाज की एक खासियत यह है कि इससे  आप जैसी चाहें, वैसी मसाज कराई जा सकती है।  इसमें ‘फुल बॉडी मसाज’ है और इसके उपयोग से पूरे शरीर के तनाव को दूर किया जाता है।

दे अच्छी सेहत
न्यूरो वेलनेस स्पा थेरेपी से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है और शारीरिक व मानसिक दोनों ही रूप में शरीर को भी आराम मिलता है। यह थेरेपी मन को रिलैक्स, तन को दुरुस्त और फिर से अच्छी सेहत प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस थेरेपी से आथ्र्राइटिस, पीठ दर्द और गर्दन से जुड़ी सारी समस्या दूर होती हैं।
(आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अमित कौर पुरी व त्वचा विशेषज्ञ तेजस्विनी सिंह से की गई बातचीत पर आधारित)