पीठासीन अधिकारियों के 79 वें सम्मेलन में मुख्य अथिति के तौर पर उत्तराखंड पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सम्मेलन में राज्यों के विधानमंडल के प्रतिनिधियों ने शिरकत की, दो दिनों तक सम्मेलन में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में व्यवधान न हो, इसके लिए सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने कठोर कानून बनाने के लिए हामी भरी है, जिसको लेकर संकल्प भी पास हुआ है, जल्द इसको लेकर कानून भी बनाया जाएगा।
ओम बिरला ने कहा देवभूमि में जिस तरह की चर्चा यहां हुई, इससे पता चलता है भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमारा संकल्प है हमारी चर्चा गुणवत्ता और सारगर्भित हो, लोकसभा स्पीकर ने आगे कहा कि दलबदल कानून के तहत पीठासीन अधिकारियों का निर्णय अंतिम होता है। कई बार कोर्ट ने भी इसको लेकर टिप्पणी की जो कि अच्छा नहीं है।इसलिए दल-बदल कानून में परिवर्तन हो, इसके लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है, कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इसको लेकर कानून बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। दल बदल कानून में किस तरह चर्चा हो। इसमें स्पीकर स्पष्ट काम करे। जिससे स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल ना उठे।
उत्तराखंड में आयोजित इस सम्मेलन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थान देवभूमि का है, इसलिए चर्चा भी सारगर्भित हुई इसके लिए उन्हें बधाई।उन्होंने कहा 1921 में शरु हुए इस सम्मेलन को 2021 में 100 साल होने जा रहे है।100 वीं जयंती सम्मेलन को लोकसभा में मनाया जाएगा।