कोरोना महामारी से जंग को देश में लॉकडाउन घोषित किया गया। भारत में अब लॉकडाउन – 3 भी लागू कर दिया है जो कि अब 17 मई तक लागू रहेगा। लॉकडाउन के चलते देश में कई कामकाज पर प्रभावित हुए हैं, इसका सबसे अधिक प्रभाव मजदूरों पर पड़ा है। जिनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई। मजदूरों की रोजी- रोटी पर आए संकट को दूर करने में विभिन्न संगठन व संस्थाएं भी आगे आई जो लगातार इन लोगों के भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित दून यूनिवर्सिटी भी लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का सहारा बनी है। दून यूनिवर्सिटी शासन-प्रशासन के सहयोग से 30 मार्च से लगातार मजदूरों को खाना उपलब्ध करा रही है। खाना विवि में ही तैयार किया जाता है, जिसको पैकेट बनाकर जरूरतमंदों में वितरित किया जाता है। दून विश्वविद्यालय में रोज लगभग 150 पैकेट खाना वितरित कर रही है।
दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए. के .कर्नाटक ने दून विश्वविद्यालय स्थित कैंटीन में चल रहे कार्यो पर संतुष्टि व्यक्त की। रायपुर विधानसभा के विधायक उमेश शर्मा ने दून विश्वविद्यालय परिवार द्वारा संचालित किचन में तैयार किये जा रहे पैकेटों को जरूरतमन्दों को वितरण की सराहना करते हुए कहा कि जरूरतमन्दों को भोजन कराने का निर्णय उच्च माननीय मूल्यों को परिलक्षित करता है। दून विश्वविद्यालय परिवार ने निर्णय लिया कि सरकार द्वारा लॉक डाउन में कामगारों के लिए काम के अवसर प्रदान किये गए हैं। परिवार द्वारा आवश्यकता पड़ने पर भोजन वितरण की व्यवस्था प्रारम्भ की जाएगी।
इस कार्य मे प्रो. अरुणाचलम, प्रो.एच. सी. पुरोहित, नरेंद्र लाल, सहायक कुलसचिव डॉ. मधुरेन्द्र झा, डॉ अर्चना शर्मा, डॉ चारु द्विवेदी, डॉ सुनीत नैथानी, डॉ. कोमल, डॉ अरुण कुमार, डॉ. हिमानी शर्मा, डॉ आशीष सिन्हा, डॉ प्राची पाठक, डॉ रीचा जोशी पांडेय, सुंदर सिंह रावत, डॉ विजय श्रीधर, प्रमोद तिवारी, संदीप सिंह चौहान, डॉ अवसार अब्बासी, डॉ अंचलेश, विपिन नैथानी, उदिता नेगी ने सहयोग दिया।