कोरोना वायरस की रोकथाम व इससे बचाव के लिए भारत सरकार ने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया गया है। लेकिन जैसे-जैसे 14 अप्रैल नजदीक आने को है वैसे-वैसे लॉकडाउन हटेगा या रहेगा इसकी चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।
वहीं मीडिया रिपोर्टस के माध्यम से सामने आया है कि कुछ राज्य लॉकडाउन बढ़ाने जाने के पक्ष में हैं। बीते दिनों राज्य सरकारों की तरफ से इस पर बयान भी आए हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का बयान आया था कि हमारे पास कोई चारा नहीं है, लॉकडाउन को जारी रखना चाहिए। मैं माननीय प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि लॉकडाउन 15 अप्रैल के बाद भी जारी रखा जाए। इसमें झिझकने की कोई जरूरत नहीं है।
वहीं उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग अवनीश अवस्थी ने कहा था कि मीडिया में पिछले कुछ दिनों से चल रहा था कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद बढ़ सकता है, इसको देखते हुए लोगों में संवेदनशीलता बढ़ी है। अभी ये नहीं कहा जा सकता कि 14 अप्रैल के बाद भी क्या होगा। एक भी केस हमारे पेरदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन खोलना उचित नहीं रहेगा।
वहीं राजस्थान के मुखयमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि केन्द्र ने राज्यों से सुझाव मांगा है, राज्यों को अपने यहां की स्थिति देखकर इस पर निर्णय लेना चाहिए। राजस्थान लॉकडाउन करने वाला पहला राज्य था।
महाराष्ट्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का बयान आया कि महाराष्ट्र सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को अलग-अलग इलाकों में खोलने पर विचार कर रही है।
असम के स्वास्थ्य मंत्रालय हिमंत बिस्वा सरमा का बयान है कि अगर 14 अप्रैल या फिर 20 अप्रैल को लॉकडाउन खुलता है और असम के बाहर से असमियां युवक-युवतियां एक साथ राज्य लौटते हैं तो उन सभी को 14 दिन के क्वारंटाइन पर भेजना संभव नहीं हो पाएगा, क्योंकि सरकार के पास इतनी तादाद में क्वारंनटाइन करनेवकी व्यवस्था फिलहाल नहीं है।
ये सभी बयान देश के तमाम बडे राज्यों के मुख्यमंत्री और अधिकारियों के हैं। इन बयानों से साफ है कि 14 अप्रैल के बाद देशभर में एक साथ लॉकडाउन नहीं खुलने वाला।