राजस्थान में कांग्रेस की मौजूदा सरकार संकट में है, शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वो उनकी सरकार गिराने में लगी हुई है। उन्होंने कहा था कि एक तरफ वो कोरोना से लड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी ऐसे वक्त में भी सरकार को अस्थिर करने में लगी हुई है। उन्होंने बीजेपी पर विधायकों की सौदेबाजी का आरोप लगाया था।
अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट हो गई है, जैसे कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ बनाम ज्योतिरादित्य सिंधिया हो गई थी और वहां की सरकार से कांग्रेस को हाथ धोना पड़ा था। सचिन पायलट ने कहा है कि उनके साथ कांग्रेस के 30 विधायक हैं और अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में है। सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली आ गए हैं।
वहीं कांग्रेस ने राजस्थान में अपने सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है, यह व्हिप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जयपुर स्थित आवास पर विधायक दल की बैठक के लिए है। मुख्यमंत्री आवास पर विधायकों की बैठक चल रही है, कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत के पाले में अभी पर्याप्त विधायक हैं।
राजस्थान सरकार पर संकट का कारण-
साल 2018 में हुए चुनावों में कांग्रेस की जीत के साथ ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट सीएम पद को लेकर आमने-सामने आ गए थे, कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी थी और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा था। तब से अब तक सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच आंतरिक प्रतिद्वदं चलता रहा है। राजस्थान पुलिस की एसओजी सरकार गिराने की साजिश के आरोपों की जांच कर रही है, इस जांच के सिलसिले में सीएम,डिप्टी सीएम और कई विधायकों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिसके बाद अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।
क्या बीजेपी में शामिल हो रहे हैं सचिन पायलट-
राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर बीजेपी के किसी बड़े नेता का अभी कोई बयान नहीं आया है, सचिन पायलट का बीजेपी के संपर्क में होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस का आरोप है कि जिस तरह मध्य प्रदेश में पार्टी की सरकार गिराई गई, उसी तरह राजस्थान में भी सरकार गिराने की कोशिश की गई हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक राजस्थान में स्थिति मध्यप्रदेश से भिन्न मान रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर सचिन पायलट अपने करीबी विधायकों के साथ अलग हो भी जाते हैं तब भी वह सरकार गिराने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में राजस्थान में चल रहा मौजूदा सियासी संकट कांग्रेस का अंदरूनी मामला ज्यादा लगता है, विश्लेषक इसे सचिन पायलट को उनकी सही जगह दिखाने की कोशिश मान रहे हैं।