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कुंभ मेला कार्यों की धीमी गति से संत समाज नाराज, सरकार और अफसरों पर संतों संग बेरुखी के बर्ताव का लगाया आरोप।

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हरिद्वार महाकुंभ 2021 के शाही स्नान की तिथियां घोषित हो चुकी हैं। तय तिथियों के अनुसार महाकुंभ का पहला शाही स्नान 11 मार्च को होगा। रविवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री हरिगिरि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने एक साथ बैठकर शाही स्नान की तिथियां घोषित कीं। पहला शाही स्नान 11 मार्च, दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल, तीसरा 14 अप्रैल को और चौथा और आखिरी शाही स्नान 27 अप्रैल को होगा।
वहीं, गंगा सभा की ओर से होने वाले मुख्य स्नानों की तिथियां भी इस दौरान घोषित की गईं। इसका सभी संतों और अधिकारियों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि मेले को सकुशल और सुरक्षित संपन्न कराने के लिए हरसंभव प्रयास रहेगा।
कुंभ मेले को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ अखाड़ा परिषद की बैठक में संतों का गुस्सा फूट पड़ा। वह मेला कार्यों की धीमी गति से नाराज थे। उन्होंने प्रदेश सरकार और अफसरों पर संतों संग बेरुखी के बर्ताव का आरोप लगाया। इस बीच मुख्यमंत्री ने संतों को आश्वस्त किया कि प्रयागराज की तरह उन्हें यहां भी समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कुंभ के सभी कार्य समय से होंगे।

बैठकों से बार-बार आश्वासन का झुनझुना लेकर लौट रहे संतो ने रविवार को दिनभर अलग अलग दौर में बैठक कर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई। शाम करीब साढ़े पांच बजे सीएम जब मेला नियंत्रण कक्ष में पहुंचे तो अचानक अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत  नरेंद्र गिरि और महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज सहित परिषद के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के फोन बंद हो गए। करीब 40 मिनट तक मुख्यमंत्री मेला अधिकारी के कार्यालय में संतों के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन संत नहीं आए। उनकी नाराजगी भांपकर मेला प्रशासन के अधिकारी और सरकार के रणनीतिकार सक्रिय हो गए।