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कोटद्वार : कोषागार में तैनात सहायक कोषाधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार…

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देहरादून : दिवंगत पति के पुनरीक्षित पेंशन एरियर के भुगतान के एवज में दस हजार रुपये की रिश्वत लेते कोटद्वार कोषागार में तैनात सहायक कोषाधिकारी को विजिलेंस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उसके आय और परिसंपत्तियों का भी लेखाजोखा जुटा रही है।

एक महिला ने एसपी विजिलेंस को कुछ दिन पहले शिकायती पत्र भेज बताया था कि उनके पति राजकीय इंटर कॉलेज डाबरी में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2007 में ड्यूटी के दौरान उनका निधन हो गया। उस समय उनके पति का छठें वेतन आयोग का पे-फिक्सेशन गलत तरीके से 5400 रुपये हो गया था, जबकि फिक्सेशन 7600 रुपये होना था।

विभाग से पत्राचार करने के बाद पुनरीक्षित पेंशन एरियर तीन लाख 73 हजार 865 रुपये का बना, जिसका भुगतान फरवरी माह में वरिष्ठ कोषाधिकारी कोटद्वार की ओर से किया जाना था। महिला का कहना था कि जब वह कोटद्वार कोषागार में आईं तो पेंशन एरियर भुगतान के मामले में सहायक कोषाधिकारी बीर सिंह रावत पुत्र स्व. नैन सिंह रावत ने उनसे दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

शिकायत पर एसपी विजिलेंस ने महिला से संपर्क किया, जिसके बाद उन्हें जानकारी मिली कि उक्त सहायक कोषाधिकारी ने महिला को कोषागार में बुलाया है। इस पर विजिलेंस टीम कोटद्वार पहुंची। महिला कोषागार में पहुंची व सहायक कोषाधिकारी बीर सिंह रावत को रिश्वत के रूप में दस हजार की धनराशि दी। जैसे ही बीर सिंह ने रकम हाथ में ले ली, टीम ने उन्हें दबोच लिया और गिरफ्तार कर देहरादून ले आई। सतर्कता विभाग ने ट्रैप टीम को दस हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है।

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