Home उत्तराखंड जानिए क्या है उत्तराखण्ड सरकार की खेल नीति 2021…..

जानिए क्या है उत्तराखण्ड सरकार की खेल नीति 2021…..

244
SHARE
उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड खेल नीति 2021′ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मंगलवार शाम धामी कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। उत्तराखंड खेल नीति 2021′ में खेल एवं खिलाड़ियों के उन्नयन, खेल प्रतिभाओं को तलाशने, निखारने व उभारने, खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने, खिलाड़ियों के नियोजन, सामान्य आहार के साथ-साथ एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स फूड डाइट की व्यवस्था, खिलाड़ियों के लिए रोजगार के अवसर तथा सम्बंधित पूर्ण सुविधाएँ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। युवाओं में राष्टीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाओं को विकसित करने हेतु उचित आर्थिक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। प्रतिभा श्रृंखला विकास – खेल नीति 2021 के तहत खेल प्रतिभाओं को आरंभिक आयु 8 वर्ष से ही पहचानने एवं उनको तराशने हेतु प्रतिभा श्रंखला विकास योजना को लागू किया जाएगा, उच्च प्राथमिकता वाले खेलों हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना- राज्य के उदीयमान खिलाड़ियों को प्रतिवर्ष आवश्यक बैट्री टेस्ट एवं उसकी दक्षता की मेरिट के आधार पर 8 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के बालक बालिकाओं प्रति जनपद 150-150 अर्थात पूरे राज्य में 1950 बालों को एवं 1950 बालिकाओं कुल 3900 उदीयमान खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना अंतर्गत 1500 रूपए प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना- राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को उनकी खेल संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति से उन्हें खेलों में और अधिक मनोयोग से प्रतिभाग करने हेतु 14 वर्ष से 23 वर्ष तक की आयु के प्रतिभावान खिलाड़ियों को जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रैकशूट एवं खेल संबंधी अन्य उपस्कर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रतिवर्ष यह सुविधा प्रति जनपद 100-100 कुल 2600 प्रतिभावान बालक बालिकाओं को खिलाड़ी 2000 रूपए प्रति माह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी एवं खेल उपस्कर हेतु प्रतिवर्ष धनराशि रुपया 10000 की सीमा तक मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध कराई जाएगी। खिलाड़ियों को Out of Turn नियुक्ति- राज्य की सेवाओं में उच्च स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को समूह गांव में चयनित विभागों के चयनित पदों पर आउट ऑफ टर्न नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना- राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने हेतु निजी क्षेत्र द्वारा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स खेल अकादमी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना की जाएगी। खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि में 30% से 50% की वृद्धि- प्रतिवर्ष पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार की धनराशि में 30% से 50% की वृद्धि की जाएगी। खिलाडियों हेतु दुर्घटना बीमा एवं आर्थिक सहायता- राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के समय होने वाली खेल दुर्घटनाओं खेल इंजरी एवं अन्य खेल आकस्मिकताओं के दृष्टिगत बीमा अथवा आर्थिक सहायता खेल विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा- राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को राज्य राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभाग करने हेतु राज्य परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा हेतु सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास- ग्राम पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक एवं विद्यालय/महाविद्यालय स्तर तक क्रमबद्ध रूप से खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। जिससे राज्य खेल ग्रिड का निर्माण होगा। खेल विकास संस्थान की स्थापना- राज्य के खिलाडियों प्रशिक्षकों एवं निर्णायकों के कौशल विकास हेतु खेल विकास संस्थान की स्थापना की जाएगी। जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण एवं शोध हेतु खेल विज्ञान केन्द्र की स्थापना की जाएगी। शैक्षणिक संस्थानों में स्पोर्टस कोटा- राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को शैक्षणिक, तकनीकी एवं विश्वविद्यालय आदि में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत का खेल कोटा उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की स्थापना – राज्य में खेलों के अवस्थापना सुविधाओं के विकास, संचालन, अनुरक्षण, खिलाडियों के प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं खेलों से जुड़े विविध कार्यों हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि विकसित की जाएगी।