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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से संयुक्त जोनल सेमिनार का आयोजन, उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य में बाल-विकास के अंतर्गत चलाई जा रही योजनाओं की दी जानकारी……….

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गुरुवार को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में उत्तर भारत के राज्यों के आकांक्षी जनपदों का संयुक्त जोनल सेमिनार तथा योजनाओं की समीक्षा बैठक मंजुपारा महेन्द्र भाई राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हरिद्वार, रेखा आर्य कैबिनेट मंत्री महिला एवं बाल विकास उत्तराखण्ड, डॉ. धन सिंह रावत कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य एवं शिक्षा उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में आयोजित की गयी।

सेमिनार में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब एवं जम्मू और कश्मीर के जन प्रतिनिधियों तथा जिलाधिकारियों तथा विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही अकादमिक तथा सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। सेमिनार का उद्देश्य था उत्तर भारतीय राज्यों के आकांक्षी जनपदों में महिला एवं बाल विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा, बेस्ट प्रैक्टिसेज की साझेदारी करना।

 

कार्यक्रम के औपचारिक शुभारंभ के बाद मुख्य सचिव भारत सरकार इंदीवर पांडेय द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी तथा कहा कि आँगनवाड़ी केंद्रों के कारण कुपोषण के स्तर को बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सका है। वर्तमान में आँगनवाड़ी सेवा की गुणवत्ता के साथ ही सेवा के डिजिटलीकरण पर अत्यधिक बल दिया जा रहा है और इस हेतु पोषण ट्रैकर एप को चलाया जा रहा, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी महिला एवं बच्चे की जानकारी दर्ज करने के साथ ही उनके एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास के समय परिवर्तन भी किया जा सकता है ताकि लाभार्थी चाहे कहीं भी हों उन्हें सेवा का लाभ मिलना बंद न हो।

महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन एवं नई योजनाओं के द्वारा स्वास्थ्य एवं पोषण तथा महिला सशक्तीकरण की दिशा में नित नए आयाम प्राप्त किये जा रहे हैं। पोषण अभियान को राज्य में प्रभावी बनाते हुए मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना के अंतर्गत 2 लाख 37 हज़ार बच्चों को 100 एमएल दूध हफ्ते में चार दिन दिया जाता है तथा मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना के अंतर्गत सप्ताह में दो दिन अंडा और दो दिन केला दिया जा रहा है तथा इस प्रकार भारत सरकार की पोषण अभियान के ताल से ताल मिलाकर कुपोषण के विरुद्ध प्रतिबद्ध हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और पोषण अभियान दोनों के उद्देश्यों को साधते हुए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में महालक्ष्मी योजना भी चलाई जा रही है जिसमें प्रसवोपरांत अतिरिक्त देखभाल हेतु आवश्यक सामग्रियों से युक्त किट का वितरण बालिका जन्म पर किया जाता है। इसी प्रकार नंदा गौरा योजना, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन, किशोरी नैपकिन योजना, मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के द्वारा बेटियों की सुरक्षा के साथ ही उनकी समृद्धि और सम्पूर्ण विकास पर बल दिया गया है।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त पहल से नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बाल वाटिका को संचालित करने वाला उत्तराखंड देश में पहला राज्य हो सकता है। इसके साथ ही सचिव भारत सरकार को बाल वाटिका हेतु अवगत कराया कि आँगनवाड़ी केंद्रों के भवन की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

सांसद हरिद्वार डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि समाज के अंतिम तबके के प्रत्येक व्यक्ति को सबल बनाने हेतु चिकित्सा, शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास पर सबसे अधिक ध्यान भारत सरकार एवम राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है । बच्चा एवं माँ सुरक्षित होंगे तो परिवार सुरक्षित होगा और परिवार के सुरक्षित होने से देश सुरक्षित और सशक्त होगा। इसीलिए वर्तमान में प्रधान मंत्री के विज़न में महिला एवं बाल विकास की विभिन्न योजनाओं तथा भारत को पुनः विश्व पटल पर विश्वगुरु बनाने की ओर लक्षित नई शिक्षा नीति को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।

राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास भारत सरकार मंजुपारा महेन्द्रभाई ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के पोषण तथा महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण हेतु नीतिगत हस्तक्षेप भारत सरकार के स्तर पर किये गए हैं। केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु पुरुषों के समान करना, गर्भपात हेतु स्वीकृत सप्ताह को 20 से 24 सप्ताह करना, तीन तलाक जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर निर्णय लेने के साथ ही महिलाओं के वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए योजनाओं को विस्तार दिया है।

इस अवसर पर वात्सल्य योजना के अंतर्गत 4000 प्रभावित बच्चों को प्रति बच्चा 3000 रुपये प्रतिमाह की दर से कुल रुपये 2 करोड़ 40 लाख, माह अप्रैल एवं मई की किश्त के रूप में इंडसइंड बैंक के सहयोग से एक क्लिक पर उनके खातों में डी.बी.टी. द्वारा प्रेषित की गई तथा योजना की एक वीडियो फ़िल्म के माध्यम से अन्य राज्यों से आये प्रतिभागियों को योजना की जानकारी दी गयी।