राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और कारवां मैग्जीन के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करवाया है। आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में विवेक के कारोबारी साथी अमित शर्मा ने इस मामले में अपने बयान दर्ज करवाने शुरू कर दिए हैं।
इससे पहले 30 जनवरी को विवेक डोभाल ने मानहानि मामले में अदालत के सामने अपने बयान दर्ज करवाए थे। उन्होंने कारवां पत्रिका में कथित मानहानिकारक लेख प्रकाशित किये जाने और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा उसकी सामग्री का इस्तेमाल किये जाने पर यह मानहानि का मामला दायर किया हुआ है।
विवेक ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को बताया था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए सभी आरोप जिन्हें बाद में रमेश द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया गया वे निराधार और झूठे हैं और इनसे परिवार के सदस्यों और पेशेवर सहकर्मियों के बीच उनकी छवि खराब हुई। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय की थी जब दूसरे गवाहों के बयान दर्ज किये जाएंगे।
विवेक डोभाल के अलावा दो अन्य गवाह – उनके दोस्त निखिल कपूर और कारोबारी सहयोगी अमित शर्मा- हैं जो आपराधिक मानहानि की इस शिकायत के समर्थन में अपने बयान दर्ज कराएंगे। डोभाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि पत्रिका और रमेश ने ‘जानबूझकर उनकी छवि खराब करने और उन्हें बदनाम’ करने का प्रयास किया ताकि उनके पिता से बदला लिया जा सके।
कारवां पत्रिका ने 16 जनवरी को ‘द डी कंपनी’ के शीर्षक वाले ऑनलाइन लेख में कहा था कि विवेक डोभाल ‘केमन द्वीपसमूह में हेज फंड चलाते हैं।’ यह द्वीपसमूह ‘कालेधन को ठिकाने लगाने का स्थापित सुरक्षित ठिकाना’ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2016 में 500 और हजार रुपये के नोट बंद किये जाने के महज 13 दिन बाद पंजीकृत की गई थी।
शिकायत के मुताबिक, रमेश ने 17 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन कर लेख में वर्णित ‘निराधार और निर्मूल तथ्यों’ पर जोर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि लेख के तथ्यों में उन्हें लेकर ‘कोई वैधानिकता’ नहीं है लेकिन पूरा विवरण कुछ इस तरह से दिया गया जो पाठकों को ‘गलत होने का’ संकेत देता है।