देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन-2 का ऐलान करते हुए देश की जनता से 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में सशर्त कुछ छूट दिए जाने की बात कही। प्रधानमंत्री के बयान के बाद केन्द्र सरकार ने चिन्हित हॉटस्पॉट को रेड जोन तथा नॉन हॉटस्पाट को आरेंज जोन में रखा बाकी एरिया ग्रीन जोन होंगे।
रेड जोन का मतलब है कि स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक है।
आरेंज जोन का मतलब है कि स्थिति खतरनाक तो है पर रेड से कम है।
ग्रीन जोन का मतलब सेफ जोन माना गया है।
केन्द्र सरकार की गाइडलाइंस के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य में कोरोना कहां कितना फैला है इस आधार पर राज्य को तीन श्रेणियों में बांटा है, इन्ही श्रेणियों से ये तय किया जाएगा कि 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में कहां छूट दी जाएगी। रेड ज़ोन इस श्रेणी में आने वाले जिलों को 20 अप्रैल के बाद भी कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
रेड जोन में उत्तराखंड के वो जिले शामिल हैं जहां सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मामले सामने आए जैसे देहरादून को फिलहाल रेड ज़ोन में रखा गया है। फिर ऑरेंज ज़ोन में उन जिलों को रखा गया हैं जहां बहुत कम कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए इस श्रेणी में नैनीताल जिला, उधमसिंह नगर, और अल्मोड़ा को रखा गया है। ग्रीन ज़ोन में वो जिले रखे गए हैं, जहां कोई भी कोरोना संक्रमण का मामला अब तक सामने नही आया ग्रीन ज़ोन को सेफ ज़ोन भी कहा जा सकता है, इस श्रेणी में उत्तरकाशी, बागेश्वर, चमोली,टिहरी, रुद्रप्रयाग, और पिथौरागढ़ को रखा गया है, यहां 20 अप्रैल के बाद लॉक डाउन में छूट दी जा सकती है।
सरकार द्वारा जारी की गई सूची के आधार पर देहरादून को हॉट स्पॉट जिले में रखा गया है वही नैनीताल, अल्मोड़ा, हरिद्वार, और पौड़ी जिलों को नॉन हॉट स्पॉट की श्रेणी में रखा गया है। हांलाकि हरिद्वार और हल्द्वानी में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आये, हल्द्वानी के बनभूलपुरा में कर्फ्यू भी लगाया गया है, लेकिन फिलहाल बनभूलपुरा को छोड़ कर इन स्थानों को नॉन हॉट स्पॉट की श्रेणी में ही रखा है जहां 20 अप्रैल के बाद सशर्त लॉक डाउन में रियायत दी जा सकती है।
कैसे बदलेगा रेड़ जोन ग्रीन जोन में-
रेड़ जोन से आरेंज जोन का स्टेटस बदलने में कम से कम 14 दिन का वक्त लगेगा और ग्रीन जोन का स्टेट्स मिलने में कम से कम 28 दिन का वक्त निर्धारित किया गया है। 28 दिन तक एक भी पॉजीटिव केस ना आने पर किसी जोन को ग्रीन जोन घोषित किया जा सकता है।