जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म होने व जम्मूकश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार केंद्र सरकार के 36 मंत्री शनिवार से जम्मू-कश्मीर के शहरों व गांवों का दौरा कर जनता से सीधे संवाद स्थापित करेंगे। इस दौरान वे उनकी समस्याओं से भी रूबरू होंगे। सरकारी स्तर पर होने वाले इस कार्यक्रम के तहत केंद्रीय मंत्री मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण के निर्देश जारी करेंगे। कश्मीर में श्रीनगर, बारामुला और सोपोर में मंत्रियों के कार्यक्रम होंगे। दौरे का उद्देश्य लोगों की समस्याओं का समाधान करने के साथ ही विकास कार्यों में तेजी लाना और पीएम विकास पैकेज के कार्यों को गति देना है। मंत्रियों के दौरे से एक दिन पहले एलजी जीसी मुर्मू ने शहर के विभिन्न विकास प्रोजेक्टों का मौका मुआयना कर उनकी प्रगति की समीक्षा की।
कार्यक्रम के तहत 18 जनवरी को अर्जुन राम मेघवाल- सांबा जिले के खड़ामड़ाना परमंडल, डॉ. जितेंद्र सिंह- जम्मू कन्वेंशन सेंटर व अश्विनी चौबे- सांबा के छजवाल में रहेंगे। 19 जनवरी को स्मृति ईरानी- कटड़ा, डॉ. महेंद्र नाथ पांडे- जम्मू के शाइनिंग स्टार सभागार झज्जर कोटली, अर्जुन राम मेघवाल- कठुआ के बसोहली म्युनिसिपल कम्यूनिटी हाल, वी मुरलीधरन-कठुआ के बिलावर डाक बंगला, अनुराग सिंह ठाकुर- जम्मू के नगरोटा गर्ल्स एचएसएस, डॉ. जितेंद्र सिंह-उधमपुर के सुभाष स्टेडियम, पीयूष गोयल-जम्मू के अखनूर एचएसएस और अश्विनी चौबे का सांबा के घग्वाल में कार्यक्रम होगा।
20 जनवरी को आरके सिंह-डोडा के घाट, प्रताप सारंगी-कठुआ के एचएसएस रामकोट, सुश्री देवाश्री चौधरी- जम्मू के एचएसएस मढ़, किरण रिजिजू- जम्मू के सुचेतगढ़ में रहेंगे। इसके साथ ही जनरल वी के सिंह, कैलाश चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, किशन पाल सिंह, अर्जुन मुंडा, हरदीप सिंह पुरी, रेणुका सिंह, अंगदी सुरेश, सोम प्रकाश, रवि शंकर प्रसाद का जम्मू संभाग में कार्यक्रम है।
कश्मीर में प्रहलाद जोशी, श्रीपद नायक, साध्वी निरंजन ज्योति, फग्गन सिंह, रामेश्वर तेली, गिरिराज सिंह, रवि शंकर प्रसाद, प्रहलाद जोशी, रमेश पोखरियाल निशंक का कार्यक्रम 23 और 24 जनवरी को प्रस्तावित है।
कश्मीर में प्रहलाद जोशी, श्रीपद नायक, साध्वी निरंजन ज्योति, फग्गन सिंह, रामेश्वर तेली, गिरिराज सिंह, रवि शंकर प्रसाद, प्रहलाद जोशी, रमेश पोखरियाल निशंक का कार्यक्रम 23 और 24 जनवरी को प्रस्तावित है।
अब देखना होगा कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में केन्द्रीय मंत्रियों का जम्मू कश्मीर दौरा लोगों की समस्याओं का समाधान कर पायेगा, या ये सरकारी दौरा महज सैर-सपाटा बनकर रहेगा|