आपदा के कारण पिथौरागढ़ जनपद में सड़कें सहित पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे यहां के निवासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी जोखिम भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है। आपदा के कारण रास्ते कितने खराब हो चुके हैं, इसका अंदाजा आईटीबीपी के जवानों के इस सफर से लगाया जा सकता है। 22 अगस्त को आईटीबीपी के जवानों ने पिथौरागढ जनपद के दूरस्थ गांव लपसा से मुनस्यारी तक एक घायल महिला को ले जाने के लिए 15 घंटे में 40 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया, इस दौरान उन्होंने नालों व भूस्खलन वाले रास्तों को भी पार किया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह वीडियो ट्वीट किया है।
#WATCH ITBP के जवानों ने कल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक दूरदराज गांव लपसा से मुनस्यारी तक एक घायल महिला को ले जाने के लिए 15 घंटे तक 40 किलोमीटर की पैदल यात्रा की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने नालों और भूस्खलन वाले क्षेत्रों को पार किया। pic.twitter.com/t77FuN1yFq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2020
बीते दिनों भी आपदा ग्रस्त क्षेत्र से गांव के युवकों ने एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को डोली के सहारे दुर्गम रास्तों से स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया था। इस वर्ष आपदा के कारण प्रदेश का पिथौरागढ़ जनपद सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। राज्य सरकार के मुताबिक प्रदेश में जनवरी 2020 से अब तक प्राकृतिक आपदा के कारण 62 लोगों की जान जा चुकी है, 33 घायल हुए हैं। जबकि 4 लोग लापता हैं, 357 छोटे एवं बड़े पशुओं की हानि हुई है। 237 भवन तीक्ष्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस मानसून के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए राष्ट्रीय राजमार्गों को अधिकतम 24 घंटे के अंदर सुचारू कर दिया गया।
पिथौरागढ़ जनपद के तहसील बंगापानी के गैला, पत्थरकोट, बाता, टांगा एवं सिरतोल में अतिवृष्टि के कारण मलबा आने से सबसे अधिक नुकसान हुआ।आपदा के कारण पिथौरागढ़ जनपद में सड़कें सहित पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे यहां के निवासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी जोखिम भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।