भारत पहली बार डे-नाइट टेस्ट मैच का गवाह बनने जा रहा है, लेकिन इस ऐतिहासिक लम्हे से पहले चारों तरफ ‘गुलाबी टेंशन’ फैली हुई है और यह लाजमी भी है, क्योंकि इससे पहले भारत ने कभी भी गुलाबी गेंद से दूधिया रोशनी में टेस्ट मैच की मेजबानी नहीं की है और ना ही विराट कोहली व मोमिनुल हक की टीमों ने इससे पहले कभी डे-नाइट टेस्ट मैच खेला है।बांग्लादेश और भारत की टीमें 22 नवंबर से कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में पहली बार दिन-रात प्रारूप का टेस्ट मैच खेलेंगी, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा.
दुनिया की नंबर-नौ टेस्ट टीम बांग्लादेश दूसरे देश में डे-नाइट टेस्ट खेल रही है, ऐसे में उसका टेंशन में होना लाजमी है, लेकिन इस खेल का आलम यह है कि विश्व की नंबर-वन टीम भारत अपने देश में होने वाले इस मैच से पहले तनाव में है। दोनों टीमों के खिलाड़ियों को तो छोड़ दीजिए, इस मैच की तैयारियों में जुटे बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अधिकारियों, ईडन गार्डेस के क्यूरेटर, मैदानकर्मी, टिकट तलाशते दर्शक और गुलाबी गेंद के निर्माता भी यह देखना चाहते हैं कि 22 से 26 नवंबर के दौरान क्या होगा।
भारतीय कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे शुक्रवार से बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले दिन-रात टेस्ट मैच के लिए सबसे पहले कोलकाता पहुंचेंगे. बांग्लादेश और भारत की टीमें 22 नवंबर से कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में पहली बार दिन-रात प्रारूप का टेस्ट मैच खेलेंगी, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा.
स्थानीय टीम मैनेजर सम्राट भौमिक ने पीटीआई को बताया कि कोहली और रहाणे मंगलवार सुबह करीब नौ बजकर 40 मिनट पर पहुंचेंगे, जबकि बाकी टीम बाद में आएगी. बताया जाता है कि अभी यह तय नहीं है कि कप्तान कोहली ईडन गार्डन्स जाकर पिच का मुआयना करेंगे या नहीं.
टीमों के आगमन की जानकारी देते हुए भौमिक ने बताया कि कोहली और रहाणे के अलावा रोहित शर्मा बुधवार तड़के करीब दो बजे, जबकि मोहम्मद शमी और उमेश यादव इसी दिन सुबह नौ बजकर 35 मिनट पर कोलकाता पहुंचेंगे. तीसरे गेंदबाज ईशांत शर्मा मंगलवार रात 10 बजकर 45 मिनट पर और बाकी टीम बांग्लादेश टीम के साथ मंगलवार दोपहर 12.30 बजे पहुंचेगी.
बांग्लादेश के तेज गेंदबाजों ने भारत के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट के लिए खास तैयारी की है. स्पिन ऑलराउंडर मेहदी हसन मिराज ने सोमवार को इंदौर में कहा कि ओस की स्थिति से निपटने के लिए बांग्लादेश के पेसरों ने गेंद को पानी में डुबो कर अभ्यास किया।
देश में गुलाबी गेंद के लिए पिच तैयार करने का अनुभव दलजीत सिंह, क्यूरेटर तापोस और यूपीसीए के शिवकुमार को है। इन तीनों ही ने मिलकर ग्रेटर नोएडा के शहीद पथिक सिंह स्टेडियम में दलीप ट्राफी के गुलाबी गेंद से हुए मुकाबलों की पिचें तैयार की थीं।