अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य आरजी नौटियाल और जिले की कोविड प्रभारी मंत्री और महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य के बीच हुए विवाद का मसला अब मुख्यमंत्री दरबार में पहुंच गया है। मंत्री रेखा आर्य ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखकर मेडिकल कालेज के प्राचार्य को तत्काल हटाने का आग्रह किया है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव को भी निर्देशित किया है कि प्राचार्य द्वारा कार्य एवं दायित्वों में घोर उदासीनता बरती जा रही है, अत: प्राचार्य को हटाने के साथ ही उन पर कार्रवाई की जाए।
यह है पूरा प्रकरण-
मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक जिले की कोविड प्रभारी होने के नाते कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उन्होंने 11 जून को विकास भवन में रखी थी, बैठक के दौरान प्रस्तुति दे रहे मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने मोबाइल पर आई कॉल को रिसीव करते हुए प्रस्तुतीकरण को रोकते हुए तीन मिनट तक बातें भी की जिससे की बैठक में असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। इस पर मंत्री आर्य ने कड़ी नाराजगी जताई थी कि क्या प्राचार्य को प्रोटोकाल के बारे में जानकारी नहीं है।
मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक मेडिकल कालेज के प्राचार्य का यह व्यवहार कर्मचारी आचरण नियमावली के विपरीत है। उन्होंने कहा कि मंत्री की मौजूदगी में जब कोविड जैसे गंभीर विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया जा रहा हो, तब प्राचार्य डा. आरजी नौटियाल फोन पर बातचीत करते रहे। आर्य ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य को तत्काल हटाने का आग्रह किया है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव को भी पत्र भेजा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री इस प्रकरण में उचित कार्रवाई करेंगे।
हालांकि इस मामले पर कॉलेज के प्राचार्य ने कहा था कि उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष का फोन आया था। साथ ही उन्होंने कहा कि बैठक में भाजपा के कई नेता भी उपस्थित थे, सरकारी बैठक में भाजपा नेताओं के उपस्थित होने पर उन्होंने भी सवाल उठाए हैं। मंत्री रेखा आर्य व अफसरों के बीच विवाद का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले वह अपने विभाग के प्रभारी सचिव की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करा चुकी हैं।