मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में कैबिनेट बैठक हुई, बैठक में कैबिनेट में कुल 29 मामलों पर चर्चा की गई। कैबिनेट ने आज उपनल कर्मचारी, आशा वर्कर व ग्राम प्रधानों को बड़ी राहत दी है।
आशा वर्कर के मानदेय में 1000 रूपए की वृद्धि की गई है, जबकि 500 रूपए प्रोत्साहन राशि में बढोत्तरी की गई है। हर महीने उनके खाते में 6500 रूपए आएंगे।
सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के भाडे के पैंसे का भुगतान किया जाएगा।
सोमेश्वर अस्पताल का उच्चीकरण करके 100 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा।
आंगनबाडी कार्यकर्ता के मसले के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
विधायक निधि से 2 प्रतिशत प्रशासनिक मद में आकस्मिक टैक्स कटता था, अब उसे घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है।
उपनल कर्मियों जो 10 साल से अधिक समय से अपनी सेवा दे रहे हैं 3000 रूपए और 10 साल से कम समय से सेवा दे रहे कर्मियों के मानदेय में 2000 की वृद्धि की गई है।
सीएम की घोषणा के अनुसार ग्राम प्रधानों का मानदेय़ 1500 से बढ़ाकर 3500 किया गया है। पंचायत भवन के निर्माण के लिए 20 करोड़ की धनराशि स्वीकृति, सीएम ने 500 पंचायत भवनों के निर्माण की घोषणा की है।
राजकीय स्कूलों में 10वीं,12वीं के (159015) व उच्च शिक्षा के कॉलेजों के 1 लाख 5 हजार छात्रों को टेबलेट प्रदान किया जाएगा।
न्यायालयों में सहायक स्टेनोग्राफर के 65 पद आउटसोर्स से लिए जाने का निर्णय लिया गया।
चिकित्सा विभाग पुरूष महिला सेवा नियमावली में किया गया संशोधन। बर्न यूनिट के लिए 35 पदों को दून मेडिकल कॉलेज में रखे जाने को कैबिनेट से मिली मंजूरी।
उत्तराखंड पंचायती राज विभाग में पदों को किया गया सृजन
वित्त विभाग के ऋण एवं नगद प्रकोष्ठ में 5 नए पदों के सृजन को मिली स्वीकृति।
अन्य राज्य से उत्तराखंड आने वाली कमर्शियल गाड़ियों के टैक्स स्लैब को अन्य राज्यों में लगने वाले टैक्स के किया बराबर। इससे राज्य सरकार को मिलेगा अधिक टैक्स।
औद्योगिक विकास के तहत खनन के ढांचे में किया गया बदलाव, महानिदेशक का पद किया गया सृजित।
लघु एव सूक्ष्म उद्योग के तहत एक जिला दो उत्पाद को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी।
उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग में कई पदों को किया गया सृजित।
मेगा इंडस्ट्रियल पार्क में गलवालिया इस्पात उद्योग पर 1 कऱोड 13 लाख 97 हजार का बिजली बिल लेट शुल्क माफ।
गढ़वाल मंडल विकास निगम के नौ कर्मचारियों जो अन्य विभागों में काम कर रहे थे उन्हें किया जाएगा सम्मिलित।
देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्र अगर राज्य सरकार से बांड भरते हैं कि वह अगले कुछ साल तक उत्तराखंड में ही प्रैक्टिस करेंगे तो उनकी फीस कम कर दी जाएगी।