उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने प्रदेश की तीरथ सरकार को बड़ा झटका दिया है, हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा चारधाम यात्रा को लेकर लिए गए फैसले पर 7 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने सरकार को दोबारा से शपथ पत्र 7 जुलाई तक दाखिल करने को कहा है। न्यायालय ने चारधाम की लाइव स्ट्रीमिंग करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि सरकार ने 1 जुलाई से प्रदेश के तीन जिलों के लिए चारधाम यात्रा शुरु करने का फैसला लिया था, जिसमें उत्तरकाशी जनपदवासियों के लिए गंगोत्री व यमुनोत्री, रूद्रप्रयाग वासियों के लिए केदारनाथ धाम तथा चमोली जनपद वासियों के लिए बदरीनाथ धाम की यात्रा खोलने का फैसला लिया था।
पूर्व में सरकार की तरफ से 700 पेज का शपथपत्र पेश किया गया था। न्यायालय ने शपथपत्र को भ्रामक और न्यायालय को गुमराह करने वाला बताया था। न्यायालय ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों का कारण सरकार की आधी अधूरी तैयारियों के कारण से हुई। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा था कि सरकार ने कोविड के नियमो का पालन नहीं किया है।
चारधाम यात्रा शुरू करने के सम्बंध में न्यायालय ने मुख्य सचिव से पूछा था कि आगामी 28 जून को न्यायालय को बताया जाए कि या तो चारधाम यात्रा स्थगित करें या यात्रा की तिथि आगे बढ़ाए, इसको केबिनेट के सम्मुख रखकर निर्णय लें और 28 जून को न्यायालय को बताएं।
मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान की खंडपीठ ने आज सुनवाई के दौरान सरकार के तर्कों और जवाब से असंतुष्ठ होकर चारधाम यात्रा पर सात जुलाई तक रोक लगा दी है। न्यायालय ने कैबिनेट के 25 जून के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें चारों धामों के आसपास के जिलों के नागरिकों को आर.टी.पी.सी.आर.नैगेटिव रिपोर्ट लेकर दर्शनों की एक जुलाई से अनुमति दी गई थी। न्यायालय ने सरकार से अपने जवाब का एफिडेविट जमा करने को भी कहा है।