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हल्द्वानी में 4 हजार से अधिक घरों को तोड़े जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज…

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सुप्रीम कोर्ट हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, एस.ए. नजीर और पीएस नरसिम्हा ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से मामले का जिक्र किए जाने के बाद इसे सुनवाई के लिए स्वीकार किया। इससे पहले हल्द्वानी के कुछ निवासियों ने इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।

उत्तराखण्ड के हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाए जाने का मामला इन दिनों पूरे देश में छाया हुआ है। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास की कॉलोलियों में बने घरों को अतिक्रमण मानकर रेलवे को अपनी जमीन वापस लेने के आदेश दिए थे, हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन अतिक्रमण हटाने की तैयारियां शुरू ही कर रहा था कि वहां निवासरत निवासियों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया। स्थानीय निवासियों के इस विरोध को राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से मामले का सकारात्मक समाधान निकालने की मांग की है।

हल्द्वानी की वनभूलपुरा बस्ती में 4 हजार से अधिक घर अतिक्रमण वाली जमीन पर बने हुए हैं। लोग कई वर्षों से इन घरों में रह रहे हैं, ऐसे में अगर अतिक्रमण हटाया जाता है तो इन घरों में रहने वाले लोग बेघर हो जाएंगे। राजनीतिक दलों ने सरकार पर अतिक्रमण के नाम पर छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं को बेघर करने का आरोप लगाया है।