सोमवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बढ़ती महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे इस प्रदर्शन में हरीश रावत बैलगाड़ी पर सवार नजर आए तो उनके साथ कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। जिसके बाद रायपुर थाने में उनके खिलाफ कोविड-19 नियमों का पालन नहीं करने तथा सामाजिक दूरी का पालन नहीं करने के आरोप में मुकद्मा दर्ज किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व 20 अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम धारा 51 और आईपीसी सेक्शन 188 के तहत मुकद्मा दर्ज किया गया।
अपने व कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगे मुकद्ममों पर हरीश रावत ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज कुचल देना चाहती है। मुकद्मों के डर से दबा देना चाहती है, जनता के सवाल उठाने वालों को थाना, जेल और कचहरी दिखाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मैं अकेले बैलगाड़ी से शिव के दर्शन को गया था, सामाजिक कार्यकर्ता होने के चलते कुछ लोग साथ आ गए। सरकार ने सत्ता के अहंकार में मेरे कुछ साथियों व मेरे ऊपर मुकद्मा दर्ज कर दिया, उन्होंने कहा कि हम विपक्ष में हैं और हमारे लिए यह श्रृंगार है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नकली शराब व ड्रग्स को गांव-गांव तक पहुंंचाने से तो सरकार नहीं रोक पाई, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेल व थाने पहुंचाने में सक्षम है।