उत्तर भारत में सर्दी का सितम चरम पर है, और सर्दियों से बचने के लिए विशेषज्ञ खानपान के साथ ही कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह भी देते हैं।हरी सब्जियों का सेवन सेहत के लाभदायक माना जाता है,और सर्दियों में आपको हर सब्जी की ठेली पर हरी सब्जियां नजर आएंगी।भारत में सरसों,राई,पालक का साग भी खूब पसंद किया जाता है।सर्दियों में पालक का सेवन आपकी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पालक में पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है और सोडियम कम होता है। इसलिए पालक हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक है। पालक के सेवन से हड्डियां भी मजबूत होती हैं।अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक प्रमुख पोषक तत्वों को पालक के सेवन से प्राप्त किया जा सकता है।पालक एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत है और आयुर्वेद के अनुसार इसमें औषधीय गुण भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पालक स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों से भरपूर एक उत्कृष्ट सुपरफूड है। इसमें विटामिंस, मिनरल्स और फाइट्रो न्यूट्रीएंट्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं और साथ ही इसमें कैलोरी भी काफी कम होती है। पालक एनीमिया या खून की कमी को दूर करती है।पालक के प्रयोग से शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र सशक्त होता है, पालक खाने से ब्रेस्ट कैंसर के विकसित होने के खतरे को 44 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।ऐसा इसलिए, क्योंकि पालक में बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।गौरतलब है कि विटामिन ए का पर्याप्त मात्रा में सेवन आंखों को स्वस्थ रखने में सहायक है। इसके अलावा, पालक में मौजूद फोलेट और फाइबर भी कैंसर होने के जोखिम को कम करते हैं। पालक के संदर्भ में एक खास बात यह है कि इसमें ऊर्जा बढ़ाने वाली नाइट्रेट होती है, जो मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती है।नाइट्रेट कोशिकाओं के सुचारु रूप से कार्य करने में भी सहायक है।पालक में क्लोरोफिल भी पाया जाता है, जो लिवर और कोलन (बड़ी आंत) से विषाक्त पदार्थों को निकालने में अत्यंत मददगार है। इसके अलावा क्लोरोफिल में जीवाणुरोधी गुण भी मौजूद होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स की उपस्थिति के कारण पालक खाने से त्वचा में कसाव आता है तथा झुर्रियां नहीं पड़ने पातीं।