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हल्द्वानी- टैंपो में तड़पती रही गर्भवती, लेकिन पुल पार नहीं करने दिया गया। महिला ने टैंपों में ही दिया जुड़वा बच्चों को जन्म।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखण्ड में सड़कों के अभाव में बीमार व गर्भवती महिलाओं को अक्सर डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाने की तस्वीरें आए दिन सामने आती हैं। लेकिन हल्द्वानी के रानीपुर में रविवार रात ऐसी घटना सामने आई है, जहां रात में रानीबाग पुल बंद होने के चलते गर्भवती महिला टैंपो में तड़फती रही, लेकिन फिर भी टैंपों को पुल पार करने की इजाजत नहीं दी गई।

दैनिक अखबार हिदुस्तान ने इस खबर को प्रकाशित करते हुए लिखा है कि बारिश के चलते रानीबाग पुल को बंद करने से महिला का प्रसव टैंपों में ही कराना पड़ गया। अखबार ने अमृतपुर गांव के पूर्व प्रधान सतीश शर्मा के हवाले से लिखा है कि गांव के ही पंकज शर्मा की पत्नी हेमा शर्मा को रविवार शाम प्रसव पीड़ा होने लगी तो परिजन बारिश के बीच जैसे-तैसे गर्भवती को सड़क तक लेकर आए, मगर तब तक ठेकेदार ने मलबा गिरने के चलते रानीबाग पुल बंद कर दिया था। वहां लगे जाम के बीच महिला को टैम्पो से पुल तक लाया गया मगर पुल निर्माण कर रहे ठेकेदार ने टैम्पों को आगे नहीं जाने दिया।

वहीं सूचना पाकर पुल के दूसरी ओर खड़ी एंबुलेंस को भी ठेकेदार ने पुल पार नहीं करने दिया, इस बीच टैंपो में गर्भवती की सास व आशा ने प्रसव करा दिया, लेकिन जुड़वा बच्चे होने के चलते दूसरे का प्रसव कराने में आशा वर्कर ने भी हाथ खड़े कर दिए, तब तक 108 कर्मी पैदल ही टैंपो तक पहुंच गए जिसके बाद उन्होंने दूसरे बच्चे का भी सुरक्षित प्रसव कराया। रात करीब पौने 11 बजे जच्चा बच्चा को महिला अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।

ठेकेदार द्वारा पुल नहीं खोले जाने से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है, अमृतपुर गांव के पूर्व प्रधान से बताया कि पुल खोलने के लिए जेई, ऐई औऱ ठेकेदार से कई मिन्नतें की गई। प्रशासन ने साफ कह दिया कि सड़क बंद करने का कोई निर्देश नहीं है। लेकिन ठेकेदार ने फिर भी सड़क खोलने से मना कर दिया।